Jyeshtha Month 2024: हिंदू धर्म के कैलेंडर के अनुसार, ज्येष्ठ मास साल का तीसरा महीना माना जाता है। इसे जेठ मास के नाम से भी जाना जाता है। इस माह की शुरुआत वैशाख मास की पूर्णिमा तिथि के समाप्त होने के बाद होती है। ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार, आमतौर पर यह माह मई और जून में पड़ता है। इस साल ज्येष्ठ माह 24 मई 2024 यानी आज से आरंभ हो रहा है। धार्मिक महत्व के लिहाज से देखा जाए तो ज्येष्ठ मास का हिंदू धर्म में बड़ा ही विशेष महत्व होता है। इस महीने के खास बात ये है कि ये साल के सबसे बड़े महीनों में से एक है। इस दौरान गर्मी का प्रकोप भी अपने चरम सीमा पर होता है।
इस महीने में बहुत सारे त्योहार और व्रत पड़ रहे हैं। इस महीने में वट सावित्री व्रत, अपरा एकादशी, शनि जयंती, निर्जला एकादशी, गंगा दशहरा, बुढ़वा मंगल आदि त्योहार पड़ते हैं। ऐसे में हम आपको बताते हैं कि 2024 के ज्येष्ठ मास में क्या कुछ खास होने वाला है।
आज से ज्येष्ठ मास की शुरुआत
हिंदू कैलेंडर के अनुसार बात करें तो, ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा से शुरू होगा, जो ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन समाप्त होगा। ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार, 2024 में ज्येष्ठ माह 24 मई से शुरू होगा और 29 दिन बाद यानी की 22 जून 2024 को समाप्त होगा।
किन देवी देवताओं की पूजा होती है?
हिंदू कैलेंडर के अनुसार हर मास किसी न किसी देवी-देवताओं को समर्पित होता है। ऐसे में आपको ज्येष्ठ माह में विष्णु भगवान, सूर्य देव, हनुमान जी, वरुण देव और शनिदेव की पूजा करनी चाहिए।
ज्येष्ठ माह में पड़ने वाले व्रत और त्यौहारों की लिस्ट
24 मई 2023, (शुक्रवार) ज्येष्ठ माह आरंभ
26 मई, (रविवार) एकदंत संकष्टी चतुर्थी
30 मई 2024, (गुरुवार) कालाष्टमी, मासिक कृष्ण जन्माष्टमी
01 जून 2024, (शनिवार) हनुमान जयंती (तेलुगु)
02 जून 2024, (रविवार) अपरा एकादशी
04 जून 2024, (मंगलवार) मासिक शिवरात्रि प्रदोष व्रत (कृष्ण)
06 जून 2024, (गुरुवार) ज्येष्ठ अमावस्या, वट सावित्री व्रत, शनि जयंती
10 जून 2024, (सोमवार) विनायक चतुर्थी
11 जून 2024, (मंगलवार) स्कंद षष्ठी
14 जून 2024, (शुक्रवार) धूमावती जयंती, मासिक दुर्गाष्टमी
15 जून 2024, (शनिवार) मिथुन संक्रांति, महेश नवमी
16 जून 2024, (रविवार) गंगा दशहरा
17 जून 2024, (सोमवार) गायत्री जयंती
18 जून 2024, (मंगलवार) निर्जला एकादशी
19 जून 2024, (बुधवार) प्रदोष व्रत (शुक्ल)
21 जून 2024, (शुक्रवार) वट सावित्री व्रत (पूर्णिमा), सबसे बड़ा दिन
22 जून 2024, (शनिवार) ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत, कबीर दास जयंती
ज्येष्ठ माह में करें भगवान त्रिविक्रम की पूजा
भगवान त्रिविक्रम श्रीहरि विष्णु के अवतार हैं। राक्षसराज बलि को मुक्ति प्रदान करने वाले भगवान विष्णु के वामन अवतार को त्रिविक्रम के नाम से जानते हैं। उन्होंने तीन पग में पूरी सृष्टि नाप दी थी, उन 3 पग के कारण उनको त्रिविक्रम कहा जाता है। भगवान त्रिविक्रम की पूजा करके आप अपने दुश्मनों पर विजय पा सकते हैं और सभी पापों से मुक्ति प्राप्त कर सकते हैं।