द्वितीय केदार भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली शीतकालीन गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मंदिर से धाम के लिए रवाना हो गई है। भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह डोली के कैलाश रवाना होने पर श्रद्धालु डोली की अगुवाई कर रहे हैं। डोली विभिन्न यात्रा पड़ावों पर श्रद्धालुओं को आशीर्वाद देते हुए शनिवार रात्रि प्रवास के लिए राकेश्वरी मंदिर रांसी पहुंचेगी। यह जानकारी वेदपाठी विश्व मोहन जमलोकी ने दी।
वेदपाठी विश्व मोहन जमलोकी ने कहा कि भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली राकेश्वरी मंदिर रांसी से रवाना होकर अंतिम रात्रि प्रवास के लिए गौंडार गांव पहुंचेगी। 20 मई को भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली के धाम पहुंचने पर द्वितीय केदार भगवान मदमहेश्वर के कपाट वेद ऋचाओं के साथ ग्रीष्मकाल के लिए खोल दिए जाएंगे।
बता दें, द्वितीय केदार भगवान मदमहेश्वर में भगवान शिव के मध्य भाग की पूजा की जाती है। भगवान मदमहेश्वर को न्याय का देवता माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि जो भी भक्त सच्ची श्रद्धा लेकर यहां पहुंचता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।