Jagannath Mandir : उत्तरकाशी से 6 किमी. दूर साल्ड गांव में घने देवदार के पेडों के बीच भगवान जगन्ननाथ का मंदिर स्थापित है। स्कन्द पुराण के केदार खंड अध्याय में यहां का वर्णन किया गया है। इसमें लिखा गया है कि कलयुग के आरम्भ से भगवान शिव एवं भगवान जगन्ननाथ अस्सी और वरुणा के मध्य स्वयंभू रूप में निवास करेंगे। इस स्थान पर शंकराचार्य ने 10वीं शताब्दी में मंदिर की स्थापना की थी। साल्ड गांव अस्सी और वरुणा नदी के बीच बसा हुआ है।
पौराणिक मान्यता के अनुसार, शंकराचार्य द्वारा निर्मित इस मंदिर में गांव वाले बारी-बारी से पूजा करने लगे, लेकिन समय बीतने के साथ ही यहां लोगों का आना कम हो गया। मंदिर के पुजारी प्रेम बल्लभ नौटियाल का कहना है कि साल्ड गांव में एक निसंतान दंपति ने भगवान से पुत्र प्राप्ति के लिए पुरी की यात्रा की थी और उसी के परिणाम स्वरूप उन्हें पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई। पुत्र होने के बाद भगवान जगन्ननाथ ने उन्हें सपने में दर्शन देकर कहा कि अब मैं यहीं निवास करूंगा। इसके लिए गांव के कुछ खेतों में हल मत चलाना।
समय बीतता गया और वह निसंतान दंपति भगवान के सपनों की बात भूल गया। फिर कुछ सालों बाद भगवान के वरदान स्वरूप मिला बालक खेत में खेलते हुए अदृस्य हो गया। गांव के दास जिसे बाजगी कहा जाता है, उसने उस खेत में हल चलाने की कोशिश की तो आकाशवाणी हुई कि खेत के बीच हल मत चलाना, लेकिन उसने बीच खेत में हल चलाया। इससे वहां से भयंकर मधु मक्खियां निकलीं, लेकिन हल जिस पत्थर से टकराया, उसके नीचे से भगवान जगन्ननाथ, माता शुभद्रा और वलिराम की पौराणिक मूर्ति मिली। ग्रामीणों ने उसी स्थान पर भगवान जगन्ननाथ का मंदिर स्थापित कर दिया।
उड़ीसा से कैसे पहुंचे मुख्य पुजारी
2022 में जब पुरी जगन्ननाथ के पुजारी पार्थ जोशी अपनी निजी यात्रा पर उत्तराखंड आए थे तो उनके सपने में यह स्थान आया था। इसके बाद वह उक्त स्थान को खोजते-खोजते यहां पहुंचे। यहां मंदिर बंद था। उन्होंने गांव वालों के साथ मिलकर साउथ फिल्मों के स्टार साब्य सांची मिश्रा को यहां की पौराणिकता के बारे में पता करने को कहा। आज यहां दिन-रात भक्तों की भीड़ लगी रहती है।
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‘पुरी की तर्ज पर निकलेगी रथ यात्रा‘
साउथ की फिल्म अभिनेत्री अर्पिता ने कहा कि गंगोत्री यमुनोत्री धाम की यात्रा के लिए लोग यहां आते हैं। यह स्थान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मंदिर माला परियोजना में भी है। साथ ही उत्तराखंड के मुख्यमंत्री धामी इस मंदिर को उत्तराखंड का पांचवां धाम बनाने की बात भी कह चुके हैं। उत्तरकाशी में कण-कण में भगवान का वास है। ऐसे में भगवान जगन्ननाथ के मंदिर में लोगों की आस्था लगातार बढ़ती जा रही है। अगले साल यहां पर पुरी की तर्ज पर भव्य रथ यात्रा भी निकाली जाएगी, जिसके लिए तैयारियां चल रही हैं।
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