Adi Kailash Yatra: उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में स्थित भारत का कैलाश माने जाने वाले आदि कैलाश के लिए अब हेलीकॉप्टर सेवा शुरू हो गई है। 18000 फीट की ऊंचाई पर स्थित आदि कैलाश और ओम पर्वत के दर्शन सिर्फ दो घंटे में हो रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आदि कैलाश यात्रा के बाद से ही उत्तराखंड पर्यटन विभाग यहां धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने की ओर काम कर रहा है, जिसमें अब आदि कैलाश और ओम पर्वत के हवाई दर्शनों के लिए हेली सेवा भी शुरू कर दी है। इसमें एमआई-17 हेलीकॉप्टर की मदद से पल भर में चीन सीमा के करीब मौजूद भारत के कैलाश और अद्भुत ओम पर्वत के दर्शन आसानी से किए जा रहे हैं।
24 घंटे के अंदर लोंगो ने कराई बुकिंग
बता दें आदि कैलाश और ओम पर्वत के लिए देश की पहली हेलीकॉप्टर यात्रा की शुरुआत 1 अप्रैल 2024 से हो गई है। वहीं, इन धार्मिक स्थलों पर हेलिकॉप्टर सेवा शुरू होने से लोग और भी अधिक संख्या में पहुंच रहे हैं। पहले के मुकाबले किराया दोगुना होने के बावजूद अधिक संख्या में लोग बुकिंग करा रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक 24 घंटे के अंदर आदि कैलाश के लोगों ने काफी बुकिंग कराई है।
धार्मिक पर्यटन को बढ़ाने के लिए उत्तराखंड पर्यटन विकास बोर्ड ने नोएडा स्थित ट्रिप टू टेम्पल्स के सहयोग से इस यात्रा की शुरुआत की है। यूटीडीबी ने ट्रैवल रजिस्ट्रेशन और नॉन-हेली पार्ट के संचालन प्रबंधन को स्वीकार करने के लिए ट्रिप टू टेम्पल्स को ऑथोराइज किया है।
ट्रिप टू टेम्पल्स ने, यूटीडीबी के साथ मिलकर, तीर्थयात्रा को आसान बना दिया है, जिससे भक्त एक ही दिन में वापसी यात्रा के साथ, दोनों स्थलों के एक दिवसीय हवाई दर्शन करने में सक्षम हो गए हैं। इसी के साथ एक और दिलचस्प सुविधा 15 अप्रैल से शुरू होगी। पिथौरागढ़ से सुविधाजनक प्रस्थान के साथ पांच दिवसीय हेलीकॉप्टर यात्रा तीर्थयात्रियों को इन दिव्य स्थानों तक पहुंचने की सुविधा प्रदान करेगी, जो बर्फ से ढकी व्यास घाटी, आदि कैलाश और ओम पर्वत के मंत्रमुग्ध कर देने वाले दृश्यों की पेशकश करेगा।
ये रहेगा शेड्यूल
इस पैकेज के तहत पहले दिन यात्रियों को दिल्ली से पिथौरागढ़ सड़क मार्ग से लाया जाएगा। दूसरे दिन पिथौरागढ़ से यात्रियों को हेली से गुंजी तक यात्रा करवाई जाएगी। तीसरे दिन हेली से गुंजी से ज्योंलिंगकांग के बीच यात्रा, एटीबी के माध्यम से पार्वती सरोवर, शिव-पार्वती मंदिर और आदि कैलास के दर्शन कराकर गुंजी वापस लाया जाएगा। चौथे दिन गुंजी से यात्री हेली से नाबीढांग पहुंचकर ओम पर्वत के दर्शन करेंगे। नाबी, गुंजी और नपल्च्यू में रात्रि विश्राम के बाद पांचवें दिन गुंजी से हेली से जिला मुख्यालय लाया जाएगा। इसके लिए पांच फीसदी जीएसटी के साथ 90 हजार रुपये किराया तय किया गया है। बता दें कंपनी ने यात्रियों को ईएमआई पर भी आदि कैलास यात्रा, ओम पर्वत यात्रा करने की सुविधा दी है। कंपनी की वेबसाइट से मिली जानकारी के मुताबिक 2 हजार 989 रुपये प्रतिमाह की किस्त देकर भी यात्री अपनी बुकिंग कर सकते हैं।
उत्तराखंड में स्थित आदि कैलाश और ओम पर्वत को लेकर श्रद्धालुओं में खास रुचि नजर आ रही है। ट्रिप टू टेम्पल्स और उत्तराखंड सरकार के बीच की इस कोशिश ने इन पवित्र स्थलों की तीर्थयात्रा को न केवल मेरे लिए संभव बना दिया है, बल्कि समय और शारीरिक बाधाओं से जूझ रहे दूसरे लोगों के लिए भी दरवाजे खोल दिए हैं।