बागेश्वर में सुंदरढुंगा ग्लेशियर पर 5,000 मीटर (15 हजार फीट) से अधिक की ऊंचाई पर देवीकुंड के पास बने मंदिर को लेकर विवाद उत्पन्न हो गया है। जहां एक ओर वाछम के ग्रामीण मंदिर के निर्माण से क्षेत्र में पर्यटन और धार्मिक गतिविधियों के बढ़ने की बात कह रहे हैं तो वहीं, बदियाकोट के ग्रामीण मंदिर के बनने से नाराज हैं। ग्रामीणों ने कहा कि देवीकुंड के पास मंदिर का निर्माण अवैध है। मंदिर के बनने से वहां बाहरी तत्वों का आना-जाना होगा, जो सही नहीं है। उन्होंने देवीकुंड में योगी के नहाने पर भी आपत्ति जताई है।
वहीं, वाछम के ग्रामीणों ने बताया कि यहां मंदिर पौराणिक काल से बना हुआ है, उसे बस अब नया रूप दिया गया है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग अब इसके बनने के बाद से राजनीति करने लगे है, जोकि निंदनीय है। उन्होंने कहा कि मंदिर का नव निर्माण समिति के माध्यम किया गया है, जो वर्षों पुराना था। बस बाबा योगी चैतन्य आकाश ने उनका सहयोग किया है। मंदिर निर्माण से पहले एक समिति का गठन किया गया था। उसके बाद मंदिर के निर्माण के लिए सभी ने सहयोग किया। बिना जानकारी लोग कुछ भी बोल रहे हैं।
वहीं, बाबा योगी चैतन्य आकाश ने कहा कि वह केवल क्षेत्र में मां भगवती के आशीर्वाद से पहुंचे हैं। ग्रामीणों के द्वारा मिलकर देवी कुंड के पास मंदिर के नव निर्माण को लेकर उन्हें दिव्य निर्देश प्राप्त हुए थे। उन्होंने कहा कि मंदिर तो देवभूमि में हर जगह हैं। जहां नजर जाती है, वहां देवता का वास है। आज तक देवीकुंड के पास किसी ने ध्यान नहीं दिया। वहां पर्यटक आते हैं और कई तरह की गलत हरकत जैसे शराब और मास आदि का सेवन करते हैं। इसको लेकर ग्रामीणों ने नियम भी बना दिया था। मां भगवती के वास वाले क्षेत्र में किसी को भी इस तरह नहीं जाने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि मंदिर बनने के दौरान वहां स्वास्तिक भी नजर आया, जो अद्भुत है। यही माता का आशीर्वाद है।
वहीं, बदीयाकोट के ग्रामीणों के खिलाफ दानू ने कहा कि मंदिर का निर्माण करने की जगह बाबा को क्षेत्र के विकास के लिए स्कूल खोलना चाहिए, जिससे वहां विकास हो। उन्होंने कहा कि देवीकुंड को बाबा के द्वारा स्विमिंग पूल बना दिया गया है, जबकि ग्रामीण उस कुंड से पानी निकाल कर नहाया करते थे।