एक तरफ जहां पूरा देश अयोध्या में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा में तन मन से जुटा हुआ है वहीं कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने अयोध्या राम मंदिर पर एक विवादित बयान दे डाला है …जिस रामलला की मूर्ति पर सारा झगड़ा हुआ, वो मूर्ति कहां है? वो मूर्ति स्थापित क्यों नहीं हुई? नई मूर्ति की आवश्यकता क्याें पड़ी?” पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने अयोध्या में बन रहे भव्य श्रीराम मंदिर को लेकर एक नया विवाद खड़ा कर दिया है। उन्होंने आज यानि बुधवार को इंदौर में कहा- अयोध्या में बन रहे राम मंदिर के लिए नई मूर्तियां बनवाने की क्या जरूरत आ पड़ी। रामलला की मुख्य मूर्ति कहां है, उन्हें क्यों नहीं स्थापित किया जा रहा है, जबकि अयोध्या जन्मभूमि का पूरा विवाद ही वह था। सरकार को इस पर सवाल खड़ा करना चाहिए था।
अयोध्या में राम लला के मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होने निमंत्रण को लेकर दिग्विजय ने कहा कि मुझे किसी निमंत्रण की जरूरत नहीं है। राम लला मेरे दिल में बसे हुए हैं। वहीं उनके द्वारा दिए गए चंदे को लेकर कहा कि मैं प्रधानमंत्री को चंदा भेजा था उन्होंने कहा कि यह चंदा न्यास को भेजें मैं न्यास को भेज दिया है।
कैलाश विजयवर्गीय द्वारा जीतू पटवारी को प्रदेश अध्यक्ष बनने पर कहा गया था कि कांग्रेस बीजेपी की कॉपी बना कर रही है। इस पर दिग्विजय ने कहा कि विजयवर्गीय भूल जाते हैं एआईसीसी ने कांग्रेस के अध्यक्ष नया मौका देते हैं। शिवराज द्वारा कहा गया कि कभी-कभी राजतिलक की जगह वनवास भी भोगना पड़ता है। दिग्विजय ने कहा की शिवराज जी क्या भगवान राम से अपनी तुलना कर रहे हैं?