Rahul Gandhi Leader Of Opposition (LoP) In Lok Sabha: कांग्रेस ने मंगलवार को घोषणा की कि रायबरेली से पार्टी के सांसद राहुल गांधी 18वीं लोकसभा में विपक्ष के नेता होंगे। इससे 2014 से निचले सदन में विपक्ष का नेता नहीं होने का 10 साल का सिलसिला खत्म हो गया। राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को लोकसभा में विपक्ष का नेता नियुक्त किया गया है।
कांग्रेस को मिली 99 सीटें
गौरतलब है कि पिछले 10 सालों में लोकसभा में विपक्ष का नेता नहीं था, क्योंकि सत्ताधारी पार्टी के अलावा कोई भी राजनीतिक दल विपक्ष के नेता को नामित करने के लिए आवश्यक न्यूनतम लोकसभा सीटें हासिल नहीं कर पाया था। बता दें कि कांग्रेस को 2019 के लोकसभा चुनाव में 52 सीटें, जबकि 2014 के चुनाव में 44 सीटें मिली थी। वहीं, 2024 के चुनाव के बाद, कांग्रेस चुनाव में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी और उसकी सीटों की संख्या 52 से बढ़कर 99 पर पहुंच गई।
Honourable CPP Chairperson wrote a letter to the Pro-tem Speaker Bhartruhari Mahtab informing the decision of appointment of Shri Rahul Gandhi as the Leader of Opposition in the Lok Sabha.
— Congress (@INCIndia) June 25, 2024
: Congress General Secretary Shri @kcvenugopalmp pic.twitter.com/IKtayhtn3j
Rahul Gandhi ने दो सीटों से दर्ज की जीत
राहुल गांधी को एलओपी के रूप में घोषित किया जाना लोकसभा अध्यक्ष के चुनाव से एक दिन पहले हुआ है। हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनावों में राहुल गांधी ने रायबरेली और वायनाड दोनों लोकसभा क्षेत्रों से जीत हासिल की। राहुल ने वायनाड से भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की एनी राजा को हराकर 3,64,422 मतों के अंतर से जीत हासिल की, जबकि रायबरेली में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के दिनेश प्रताप सिंह को हराकर 3,90,030 मतों के अंतर से जीत हासिल की।
संसद में होंगे नेहरू-गांधी परिवार के तीन सदस्य?
हालांकि, राहुल गांधी द्वारा वायनाड से सांसद के रूप में इस्तीफा देने और रायबरेली सीट को अपने पास रखने की घोषणा के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पिछले सप्ताह वायनाड से प्रियंका गांधी की उम्मीदवारी की घोषणा की। अगर प्रियंका गांधी वायनाड से जीतती हैं, तो नेहरू-गांधी परिवार के तीन सदस्य संसद में होंगे – सोनिया गांधी राज्यसभा में और राहुल गांधी और प्रियंका गांधी लोकसभा में। इससे पहले आज, राहुल ने संविधान की एक प्रति अपने हाथों में लेकर संसद सदस्य के रूप में शपथ ली।
लोकसभा की कुल संख्या के दसवें हिस्से से कम सीटें न रखने वाले सबसे बड़े विपक्षी दल के नेता को विपक्ष के नेता के रूप में मान्यता दी जाती है। वे लोक लेखा (अध्यक्ष), सार्वजनिक उपक्रम, अनुमान और कई संयुक्त संसदीय समितियों जैसी महत्वपूर्ण समितियों के सदस्य होंगे। वे केंद्रीय सतर्कता आयोग, केंद्रीय सूचना आयोग, सीबीआई, एनएचआरसी और लोकपाल जैसे वैधानिक निकायों के प्रमुखों की नियुक्ति के लिए जिम्मेदार विभिन्न चयन समितियों के सदस्य होने के हकदार हैं।
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Rahul Gandhi को कैबिनेट मंत्री का मिला दर्जा
बता दें कि दोनों सदनों में विपक्ष के नेता को विपक्ष के नेता और भत्ते अधिनियम, 1977 के तहत वैधानिक मान्यता दी गई है। वे कैबिनेट मंत्री के बराबर वेतन, भत्ते और अन्य सुविधाओं के हकदार हैं। विपक्ष के नेता के पद का संविधान में उल्लेख नहीं है।
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