Chardham Yatra 2024 : पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत शनिवार को हल्द्वानी पहुंचे। उन्होंने लोकसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन की मजबूत जीत का दावा किया। हरीश रावत ने कहा कि लोग इस बार परिवर्तन के लिए वोट कर रहे हैं। लोगों ने इस चुनाव में महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और समाज में फैलती असहिष्णुता को लेकर वोट किया है। देश में विकास ठप है और उत्तराखंड में भी कांग्रेस सभी पांच सीटें जीत रही है।
वहीं, चारधाम यात्रा को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि हमारा पूरा सहयोग सरकार के साथ है, लेकिन मैं बहुत चिंतित हूं कि जिस तरह पिछली बार चारधाम यात्रा में अव्यवस्थाएं हुईं और इस बार वह व्यवस्थाएं और ज्यादा चिंताजनक हो सकती हैं, क्योंकि सरकार के पास कोई रणनीति नहीं है। उन्होंने कहा कि जिस समय चारधाम यात्रा को लेकर प्लान तैयार करना था, उस समय पूरी सरकार देश में चुनाव प्रचार में मस्त थी। सीएम धामी और पर्यटन मंत्री खुद प्रदेश से गायब थे, इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि चारधाम यात्रा की सरकार ने क्या तैयारी की होगी।
चारधाम यात्रा शुरू होते ही विपक्ष ने सरकार को व्यवस्था के नाम पर घेरना शुरू कर दिया है। केदारनाथ धाम के कपाट खुलने से पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए 15 दिनों तक वीआईपी दर्शन पर रोक लगाई थी। इस संबंध में मुख्य सचिव उत्तराखंड शासन ने अन्य राज्यों के मुख्य सचिवों को एक पत्र भी लिखा था। सरकार के इसी आदेश पर कांग्रेस ने सवाल उठाते हुए कहा कि कपाट खुलने के समय मुख्यमंत्री का केदारनाथ धाम पर पूजा-अर्चना करना उनके अपने आदेश को झूठा साबित कर रहा है।
उत्तराखंड कांग्रेस के प्रवक्ता शीशपाल बिष्ट ने कहा कि जिस सरकार को व्यवस्था बनानी चाहिए, वही व्यवस्था को तोड़ने में लगी हुई है। हालांकि, कांग्रेस के इन आरोपों पर भारतीय जनता पार्टी की प्रवक्ता ने कहा कि मुखिया के तौर पर केदारनाथ में पहुंचने वाले श्रद्धालुओं का स्वागत करने के लिए खुद मुख्यमंत्री केदारनाथ गए थे, जो बिना किसी प्रोटोकॉल के श्रद्धालुओं के बीच में दर्शन के लिए लगे थे।