दिल्ली की राउज एवेन्यू अदालत में सोमवार को बीआरएस एमएलसी के. कविता को पेश किया गया। विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने उनकी अंतरिम जमानत याचिका खारिज कर दी। बता दें, उत्पाद नीति मामले में के. कविता ईडी की रिमांड के बाद से न्यायिक हिरासत में हैं। उन्होंने नाबालिग बेटे की स्कूल की परीक्षाओं के आधार पर अंतरिम जमानत मांगी थी।
के. कविता की ओर से वकील नितेश राणा और दीपक नागर पेश हुए थे। सुनवाई के दौरान वकील ने कहा कि एक महिला होने के नाते धन शोधन निवारण अधिनियम पीएमएलए की धारा 45 के तहत दोहरी स्थिति की कठोरता के. कविता पर लागू नहीं होती है। वरिष्ठ वकील सिंघवी ने कहा कि इस मामले में जिस महिला पर आरोप है, उसका एक नाबालिग बच्चा है, जिसकी परीक्षा इसी महीने है।
सिंघवी ने अपनी ओर से तर्क दिया कि उनका बच्चा 16 साल का है। यह इस स्थिति में नैतिक भावनात्मक समर्थन का सवाल है। परीक्षा की चिंता है। पीएम रेडियो पर परीक्षा की चिंता से निपटने के बारे में व्याख्यान देते हैं।
ईडी के वकील जोहेब हुसैन ने किया विरोध
बीआरएस नेता की जमानत याचिका का ईडी के वकील जोहेब हुसैन ने विरोध करते हुए कहा कि के. कविता ने अपने फोन में सबूत मिटा दिए और गवाहों को अपने बयान वापस लेने के लिए मजबूर किया था। वहीं, कुछ बयान ऐसे भी हैं, जिन्हें वापस ले लिया गया है। उनके सीए ने भी बयान वापस ले लिया है।
ईडी के विशेष वकील जोहेब हुसैन ने कहा, मैं केवल बयान पर भरोसा नहीं कर रहा हूं। मेरे पास व्हाट्सएप चैट और अन्य सबूत हैं। कोर्ट ने सामग्री दिखाने को कहा तो जांच अधिकारी ने कोर्ट को कुछ दस्तावेज दिखाए। जिस दिन उन्हें समन जारी किया गया था, उन्होंने अपने फोन से सबूत हटाकर डेटा और सामग्री हटा दी। ईडी के वकील ने कहा कि 11 मार्च को जब कविता से पूछताछ की गई तो वह सवाल से बचती रहीं। उन्हें 6 दिसंबर 2022 को गिरफ्तार किया गया था।