Lok Sabha Election 2024 के नतीजे आने के बाद सवाल उठने लगे हैं कि क्या मोदी की गारंटी अभी भी पूरी हो पाएगी। NDA के घटक दलों की बैसाखी पर बन रही नई सरकार के घटक दलों को क्या अभी भी मोदी की दी गई गारंटी मंजूर होगी। मोदी की कई फ्लैगशिप योजनाएं क्या अब ठंडे बस्ते में जाने वाली हैं! हालात तो यही बयां कर रहे हैं। Uniform Civil Code (UCC) और अग्निवीर जैसी मोदी सरकार की कम से कम चार बड़ी योजनाओं पर पानी फिरता नजर आ रहा है। नीतीश कुमार की जेडीयू ने तो सरकार बनने से पहले ही साफ कर दिया है कि UCC और अग्निवीर पर व्यापक चर्चा होनी चाहिए। उसी तरह TDP मुखिया चंद्रबाबू नायडू भी UCC को लेकर पहले से ही ऐसी बातें करते आ रहे हैं।
नई सरकार के गठन से पहले ही NDA के घटक दलों ने BJP पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। BJP पर दबाव दो तरह से है। पहला मंत्रिमंडल बंटवारे को लेकर और दूसरा मोदी की फ्लैगशिप योजनाओं को लेकर UCC , अग्निवीर, वन नेशन वन इलेक्शन और परिसीमन सहित कुछ और ऐसी योजनाएं हैं जिसे लेकर सहयोगी दलों ने BJP पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है।
जेडीयू नेता केसी त्यागी का कहना है कि नीतीश कुमार ने UCC को लेकर विधि आयोग को चिट्ठी भी लिखी थी। चिट्ठी में कहा गया था कि उसे लागू करने से पहले सभी स्टेक होल्डर्स से व्यापक चर्चा की जानी चाहिए। त्यागी के मुताबिक, जेडीयू का अभी भी यही रुख है। वहीं मोदी की अग्निवीर योजना का जेडीयू ने खुलेआम विरोध शुरू कर दिया है। केसी त्यागी का कहना है कि अग्निवीर योजना पर नए तरीके से सोचने की जरूरत है।
इस योजना को लेकर बिहार के लोगों में भारी असंतोष है। ये असंतोष लोकसभा चुनाव के दौरान भी दिखा। त्यागी ने कहा कि अग्निवीर योजना को लेकर नए सिरे से विचार करने की जरूरत है। बता दें कि पिछले साल जुलाई में मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के दौरान नीतीश कुमार ने कहा था कि बिहार में किसी भी कीमत पर यूसीसी लागू नहीं होगा।
यूसीसी, अग्निवीर, वन नेशन वन पेंशन, परिसीमन बीजेपी की सबसे बड़ी योजनाएं मानी जाती रही हैं। बीजेपी ने इन योजनाओं को मुद्दा भी बनाया और जोर शोर से उठाया भी। मोदी सरकार की इन बड़ी योजनाओं की धमक पूरे देश में देखी गई और बीजेपी ने इसे लोगों तक पहुंचाने में कोई कोर कसर भी नहीं छोड़ी थी। बात करते हैं यूनिफॉर्म सिविल कोड यानी यूसीसी की। नरेंद्र मोदी सरकार ने दूसरे कार्यकाल में यूसीसी को सबसे बड़ा मुद्दा बनाया था। उत्तराखंड की धामी सरकार ने तो चुनाव से कुछ महीने पहले इसे अपने यहां लागू भी कर दिया।
ये बात भी सच है कि यूसीसी लागू करने वाला उत्तराखंड पहला राज्य बन गया। उत्तराखंड में यूसीसी लागू करने के बाद पुष्कर सिंह धामी का कद बीजेपी में एकदम से बढ़ गया। बीजेपी शासित कई और राज्यों ने भी कहा कि वे उत्तराखंड की तर्ज पर अपने यहां भी यूसीसी लागू करेंगें।
अब बात करते हैं टीडीपी की। बीजेपी के बाद 16 सीटें लाने वाले एनडीए के सबसे बड़े घटक दल टीडीपी के मुखिया चंद्र बाबू नायडू भी यूसीसी के विरोध में रहे हैं। नायडू ने 20 जुलाई 2023 को पार्टी दफ्तर में मिलने आए मुस्लिम नेताओं और धर्मगुरूओं से कहा था कि वे उनके साथ हैं और यूसीसी को लेकर मुस्लिम समाज की चिंताओं को संसद में उठाएंगें।
कुल मिलाकर मोदी की नई सरकार के गठन से पहले ही दबाव की राजनीति शुरू हो गई है। दबाव मोदी की गारंटी या उनकी कई योजनाओं को लेकर है। साथ ही मंत्रालयों के बंटवारे को लेकर भी। एनडीए के घटक दलों ने बीजेपी पर प्रेशर टैक्टिस शुरू कर दी है। हालांकि सार्वजनिक तौर पर तो किसी पार्टी ने ये नहीं कहा है कि उसे कौन कौन सा मंत्रालय चाहिए लेकिन जानकारों का कहना है कि नरेंद्र मोदी की अगुआई में एनडीए की बुधवार को हुई बैठक में नीतीश कुमार और चंद्र बाबू नायडू ने मोदी जी को मनचाहे मंत्रालयों की लिस्ट पकड़ा दी है।
केसी त्यागी का कहना है कि प्रधानमंत्री अटल बिहारी वायपेयी के समय भी जेडीयू एनडीए गठबंधन का हिस्सा थी। केसी त्यागी के मुताबिक वाजपेयी सरकार में जेडीयू के पास रक्षा मंत्रालय, नागरिक उड्डयन मंत्रालय, रेल मंत्रालय, संचार मंत्रालय और टेलीकॉम मंत्रालय था। त्यागी ने इन मंत्रालयों का नाम लेकर ये इशारा कर दिया है कि जेडीयू नई सरकार में कौन कौन सा मंत्रालय चाह रही है।
कुल मिलाकर सीटें कम होने के बाद बीजेपी इस बार एनडीए के साथ मिलकर सरकार तो बना रही है लेकिन मोदी के लिए गठबंधन की इस सरकार को चलाना चुनौतीपूर्ण साबित होगा। माना जा रहा है कि बीजेपी के कमजोर होने की वजह से घटक दलों का दबाव सरकार पर रहेगा। नरेंद्र मोदी दो बार से भारी भरकम सीटों के साथ सरकार चलाते रहे हैं और घटक दलों को लेकर सरकार पर न तो दबाव था और ना ही डर। दूसरी बड़ी बात गठबंधन सरकार चलाने के अनुभव को लेकर भी है। अब देखना होगा कि न मौजूदा परिस्थिति में नरेंद्र मोदी गठबंधन की इस नई सरकार को कितने बेहतर ढंग से चलाते हैं।
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