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Lok Sabha Election 2024: चौंकाने वाले हो सकते हैं इन चार निर्दलीय उम्मीदवारों के परिणाम

Lok Sabha Election 2024

Independent Candidate Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव 2024 के सातों चरण के मतदान समाप्त हो चुके हैं। कई न्यूज एजेंसियों ने अपना एक्जिट पोल भी जारी कर दिया है। एक्जिट पोल में लगभग कई एजेंसियां एनडीए गठबंधन की सरकार बनते दिखा रहे हैं। देश में इस बार लोकसभा चुनाव में कई निर्दलीय प्रत्याशी भी हैं, जो अपने प्रतिद्वंदी को कड़ी टक्कर देते नजर आ रहे हैं। कुछ सीटों पर तो यह भी कहा जा रहा है कि ये निर्दलीय इस बार चुनाव पर फतेह कर सकते हैं। आइए हम बात करते हैं कुछ ऐसे ही निर्दलीय प्रत्याशियों की…

रवींद्र सिंह भाटी
इन निर्दलीय प्रत्याशियों में सबसे बड़ा नाम रवींद्र सिंह भाटी का आता है। राजस्थान की 25 सीटों के साथ ही लोकसभा चुनाव 2024 के सभी सातों चरण का मतदान भी पूरा हो चुका है। मतदान प्रक्रिया पूरी होने के बाद अब 4 जून को घोषित होने वाले नतीजों का बेसब्री से इंतजार है। इस चुनाव में कई निर्दलीय उम्मीदवारों ने भी काफी ध्यान आकर्षित किया है। ऐसे ही एक निर्दलीय उम्मीदवार हैं रवींद्र सिंह भाटी, जो बाड़मेर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। शनिवार को जारी हुए एग्जिट पोल्स में रविंद्र सिंह भाटी को लेकर भी खुलकर चर्चा हुई है। कई टीवी चैनल्स के सर्वे में भाटी की जीत पक्की बताई गई है। हालांकि कई एग्जिट पोल रिजल्ट्स बाड़मेर लोकसभा सीट पर रविंद्र सिंह भाटी के जीत के कयासों पर विराम लगा रहे हैं।
भाटी ने 2023 के विधानसभा चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा और विजयी हुए। रवींद्र भाटी की रैलियों में भारी भीड़ उमड़ी। हालांकि, अहम सवाल यह है कि क्या यह समर्थन वोटों में तब्दील हुआ? राजस्थान की बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा सीट. यहां निर्दलीय उम्मीदवार रविंद्र सिहं भाटी, कांग्रेस उम्मीदवार उम्मेदाराम बेनीवाल और बीजेपी के कैलाश चौधरी मैदान में हैं।

पवन सिंह
रोहतास और औरंगाबाद के तीन-तीन विधानसभा क्षेत्रों को मिलाकर काराकाट संसदीय क्षेत्र को बनाया गया था। इसके लिए 2002 में भारतीय परिसीमन आयोग ने सिफारिश की थी। तब साल 2008 में यह संसदीय क्षेत्र अस्तित्व में आया। इस बार इस सीट पर भी सभी प्रत्याशियों के बीच कांटे का मुकाबला देखने को मिल रहा है। अब 2024 के चुनाव में एक बार फिर से उपेंद्र कुशवाहा काराकाट सीट से चुनावी मैदान में हैं। पहले इनका सीधा मुकाबला इंडिया गठबंधन के सीपीआईएम के उम्मीदवार राजाराम सिंह (कुशवाहा) से था। लेकिन, आरा के रहने वाले भोजपुरी फिल्म स्टार पवन सिंह के निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ने से यहां मामला त्रिकोणीय दिख रहा है। पवन सिंह की रैलियों में जुट रही भीड़ अगर वोटों में बदल जाएगी, तो निश्चित तौर पर यह निर्दलीय प्रत्याशी बड़ा कमाल कर जाएगा। हाल ही में एनडीए प्रत्याशी के पक्ष में प्रचार करने आए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को भी हूटिंग का सामना करना पड़ा था। अगर भोजपुरी स्टारडम की बात करें तो पवन सिंह का जादू इस समय लोगों पर चढ़कर बोल रहा है। भोजपुरी इंडस्ट्री भी पवन सिंह का समर्थन कर रही है। आपको बता दें, कि भाजपा ने पवन सिंह को आसनसोल से प्रत्यासी बनाया था, लेकिन उन्होंने वहां से चुनाव लड़ने के लिए मना कर दिया और बिहार के काराकाट लोकसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं।

पप्पू यादव
बिहार के हॉट सीटों में से एक पूर्णिया से इस बार चुनाव मैदान में पप्पू यादव भी हैं। हाल ही में आए एग्जिट पोल में पप्पू यादव के जीत का अनुमान लगाया जा रहा है। पूर्णिया में पप्पू यादव का सीधा मुकाबला जेडीयू के संतोष कुशवाहा से बताया जा रहा है। कई मौकों पर ऐसा लगा कि इंडिया ब्लॉक से पप्पू ही पूर्णिया के प्रत्याशी होंगे आखिर में जब आरजेडी ने बीमा भारती के नाम पर मुहर लगाई, तो पप्पू यादव निर्दलीय ही मैदान पर उतर आए हैं।

पांच बार सांसद रह चुके हैं पप्पू 
पप्पू यादव बिहार के कद्दावर राजनीतिक शख्सियतों में एक हैं। अपने अब तक के सियासी सफर में राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव पांच बार सांसद रहे हैं। पहली बार वह 1991 में सांसद बने । उसके बाद वह 1996, 1999 और 2014 में जीतकर संसद पहुंचे।

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केएस ईश्वरप्पा
कर्नाटक में भाजपा से निष्कासित नेता केएस ईश्वरप्पा निर्दलीय ही मैदान में आ गए हैं। वह शिवमोगा से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं। हालांकि उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने की वजह पार्टी में कुछ चीजें ठीक न चलना बताया है। उन्होंने मीडिया से बात करने के दौरान यह भी कहा था कि, “भाजपा मेरी मां है, ग्रेजुएशन के बाद ही मैं भाजपा में शामिल हुआ था। उस समय से आजतक मैं पार्टी के सिद्धांतों का पालन कर रहा हूं। मैं अबतक किसी अन्य पार्टी में शामिल नहीं हुआ हूं। आखिर तक मैं किसी अन्य पार्टी में शामिल नहीं होने वाला हूं। कुछ दिक्कतों के कारण मैं पार्टी से बाहर हूं, लेकिन चुनाव के बाद मैं फिर से पार्टी में शामिल हो जाऊंगा।” केएस ईश्वरप्पा कर्नाटक के पूर्व सीएम बीएस येदियुरप्पा के बेटे बीवाई राघवेंद्र के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं।


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