Haldwani Base Hospital: पूरा देश इन दिनों भीषण गर्मी की चपेट में है। इस भीषण गर्मी में कई स्थानों पर पानी की भी दिक्कत शुरु हो गई है। उत्तराखंड के हल्द्वानी के कई क्षेत्रों में पानी का संकट खड़ा हो गया है। वहीं सोबन सिंह जीना बेस अस्पताल का डायलिसिस केंद्र भी पानी की समस्या से जूझ रहा है। आलम यह है कि डायलिसिस सेंटर को जरुरत के अनुसार पानी नहीं मिलने पर मरीज का आधा-अधूरा डायलिसिस हो रहा है। ऐसे में कुमाऊंभर से आने वाले किडनी रोगियों के डायलिसिस करने के लिए आफत खड़ी हो रही है। हालांकि टैंकरों की मदद से केंद्र संचालक पानी की व्यवस्था कर रहे हैं और उससे काम चलाया जा रहा है।
रोजाना अस्पताल पहुंचते हैं 100 से 80 मरीज
हल्द्वानी के बेस अस्पताल में पीपीपी मोड पर डायलिसिस केंद्र संचालित होता है। सेंटर को अस्पताल के कनेक्शन से ही पानी की सप्लाई मिलती है। केंद्र संचालक के अनुसार शहर में पानी की समस्या की वजह से सेंटर पर भी पानी का संकट बना हुआ है। हल्द्वानी के बेस अस्पताल में रोजाना करीब 80 से 100 मरीज डायलिसिस के लिए अस्पताल पहुंचते हैं, लेकिन भीषण गर्मी में जल संस्थान द्वारा भरपूर मात्रा में पानी सप्लाई नहीं होने का असर डायलिसिस सेंटर पर देखा जा रहा है।
रोजाना 40000 लीटर से अधिक पानी की जरुरत
हल्द्वानी स्थित डायलिसिस सेंटर को नियमित संचालित करने के लिए रोजाना 40000 लीटर से अधिक पानी की जरुरत पड़ती है, लेकिन अधिक गर्मी होने के कारण पानी भरपूर मात्रा में उपलब्ध नहीं हो पा रहा है जिसके चलते वैकल्पिक तौर पर टैंकरों के माध्यम से पानी की व्यवस्था की जा रही है, लेकिन उससे भी पानी की पूर्ति नहीं हो पा रही है।
मरीजों को नहीं आने देंगे कोई दिक्कत
डायलिसिस यूनिट के प्रबंधक महेंद्र सिंह का कहना है कि वह जल संस्थान से पानी के टैंकर तो मंगा रहे हैं, लेकिन अस्पताल में अधिक भीड़ और गाड़ियां खड़ी होने के चलते पानी के टैंकरों को भी यहां पहुंचने में समस्या खड़ी होती है। वहीं इस पूरे मामले में सिटी मजिस्ट्रेट एपी बाजपेई का कहना है कि डायलिसिस यूनिट की समस्या को देखते हुए जल संस्थान और यूनिट के कर्मचारियों के साथ बैठक की गई है, समस्या का हल निकाला गया है। उन्होंने कहा है कि गर्मी के चलते पाइपलाइन से पानी की सप्लाई कम हो पा रही है लेकिन अस्पताल में डायलिसिस मरीजों को किसी तरह की कोई दिक्कत ना हो इसके लिए जल संस्थान द्वारा टैंकर के माध्यम से पानी भेजने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। डायलिसिस के मरीजों को किसी तरह की कोई परेशानी नहीं होने दी जाएगी।