Chamoli Water Crisis: उत्तराखंड के चमोली जिले में बद्रीनाथ हाईवे से सटे कोड़िया मायापुर गांव में पेयजल संकट बना हुआ है। लंबे समय से यहां पीने के पानी की किल्लत बनी हुई है। लोगों का कहना है कि उन्हें पीने के पानी के लिए दर-दर की ठोकरें खानी पड़ती हैं।
जल संस्थान पर महिलाओं ने लगाए गंभीर
कोड़िया मायापुर क्षेत्र की महिलाओं ने जल संस्थान के कर्मचारियों पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि पीने के पानी को लेकर हमने कई बार जल संस्थान के अधिकारियों और कर्मचारियों से शिकायत की। हमने उन्हें बताया कि हमारे क्षेत्र में पानी की किल्लत है, लेकिन जल संस्थान पीने के पानी को लेकर हम लोगों की कोई सुध नहीं ले रहा है।
अलकनंदा नदी से लाना पड़ता है पानी
महिलाओं का कहना है कि पीपल कोटी में जल विद्युत के निर्माण में लगी एचसीसी कंपनी से हम लोग पीने के पानी की गुहार लगाते हैं, तब कंपनी के अधिकारी हम लोगों को कंपनी के टैंकर से पीने का पानी पहुंचाते हैं। कई बार कंपनी का टैंकर उपलब्ध नहीं हो पाता तो हम लोग पैदल चलकर अलकनंदा नदी से पीने का पानी लाते हैं, जिसके लिए हम लोगों को 4-5 किलोमीटर पैदल जाना पड़ता है। महिलाओं का कहना है कि इस क्षेत्र में कई सालों से पेयजल की किल्लत बनी है।
हल्द्वानी में छाया जल संकट
बता दें कि हल्द्वानी में भी भूमिगत जलस्तर गिरने से जल संकट छा गया है। ट्यूबवेल बार-बार खराब हो रहे हैं। ऐसे में जल संस्थान लोगों को पानी उपलब्ध करा रहा है। गौला नदी लोगों के लिए जीवनदायिनी बनी हुई है। लोगों को टैंकरों के जरिए पानी उपलब्ध कराया जा रहा है।
टैंकरों के जरिए लोगों को उपलब्ध कराया जा रहा पेयजल
जल संस्थान के अधीक्षण अभियंता विशाल कुमार सक्सेना ने बताया कि भूमिगत जलस्तर गिरने के चलते ट्यूबवेल खराब होने की समस्या आ रही है। ऐसे में इन जगहों पर लोगों को टैंकरों के जरिए पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर मई के महीने में बारिश नहीं होती है तो गौला नदी के पानी में 50 प्रतिशत तक की गिरावट आ सकती है। ऐसे में सिंचाई के लिए दिए जाने वाले पानी को पूरी तरह से बंद कर दिया जाएगा।