उत्तराखंड राज्य निर्वाचन आयोग ने बीजेपी-कांग्रेस समेत 14 दलों को नोटिस भेजा है। अगर नोटिस का जवाब नहीं दिया गया तो इन दलों का पंजीकरण खतरे में पड़ जाएगा। इस वजह से वे निकाय चुनाव में भी हिस्सा नहीं ले पाएंगे। नोटिस ऑडिट रिपोर्ट और आयकर विवरण नहीं देने पर भेजा गया है।
निकाय चुनाव लड़ने पर मंडराया खतरा
बता दें कि पार्टी के चुनाव निशान पर निकाय चुनाव होते हैं। दलों को राज्य निर्वाचन आयोग के पास अपना रजिस्ट्रेशन करवाना पड़ता है। आयोग में कुल 14 दल पंजीकृत हैं। इन दलों को हर साल अपनी ऑडिट रिपोर्ट और आईटीआर रिपोर्ट आयोग को देनी होती है।
10 दलों ने ही दी रिपोर्ट
आयोग ने पिछले साल अक्टूबर में सभी पंजीकृत दलों को वित्तीय वर्ष 2022-23 की ऑडिट और आईटीआर रिपोर्ट जमा करने को कहा था, लेकिन सिर्फ 10 दलों ने ही रिपोर्ट दी। ऐसे में आयोग ने अब फिर से नोटिस भेजकर 15 दिन के अंदर रिपोर्ट देने का कहा है। अगर ऐसा नहीं किया गया तो इन दलों का रजिस्ट्रेशन खतरे में पड़ जाएगा।
राज्य निर्वाचन आयुक्त चंद्रशेखर भट्ट ने बताया कि आयोग में पंजीकृत जितने भी दल हैं, उन्हें हर साल अपनी ऑडिट रिपोर्ट और आईटीआर विवरण आयोग के पास जमा करनी होती है। अभी तक 10 दल ही ऐसा कर पाए हैं। जिन्होंने नहीं किया है, उन्हें नोटिस भेजा गया है।
किन दलों ने आयोग को नहीं दी रिपोर्ट
बीजेपी, कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, जनता दल (सेक्युलर), अखिल भारतीय गोरखा मोर्चा पार्टी, देवभूमि पार्टी, उत्तराखंड संवैधानिक अधिकार संरक्षण मंच, खुसरो सेना पार्टी, भारत की लोक जिम्मेदार पार्टी, लोक जनशक्ति पार्टी उत्तराखंड, भारतीय अंत्योदय पार्टी, उत्तराखंड पर्वतीय विकास पार्टी, राज्य स्वराज पार्टी औरमानव दल।