Uttarakhand Forest Fire News: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य में जंगल की आग की रोकथाम के संबंध में सीएम कैंप कार्यालय में प्रभागीय वन अधिकारियों के साथ एक वर्चुअल बैठक की। इस बैठक में उन्होंने अधिकारी को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कर दिया कि जंगल में लगने वाली आग की रोकथाम के लिए डीएफओ जिम्मेदार होंगे।
‘डीएफओ के स्तर पर शुरू की जाएं बैठकें’
सीएम धामी ने बताया कि हमने कहा है कि जंगल में लगने वाली आग की रोकथाम के लिए डीएफओ के स्तर पर बैठकें शुरू की जाएं। आग 24 घंटे से अधिक समय तक न फैले, इसकी जिम्मेदारी डीएफओ की होगी। वे सभी विभागों के साथ समन्वय स्थापित करेंगे। एक जागरूकता अभियान शुरू किया गया है।
गर्मी में हुआ इजाफा
बता दें कि उत्तराखंड में जंगलों में आग लगने की घटनाएं बढ़ गई हैं। इससे गर्मी में इजाफा हुआ है। साथ ही, पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचा है। यही वजह है कि सीएम धामी ने अधिकारियों के साथ बैठक की।
पर्यावरण को पहुंच रहा नुकसान
पर्यावरणविदों की मानें तो जंगल में लगने वाली आग पर्यावरण के लिए बहुत ही नुकसानदायक होता है। इससे वन्य जीव-जंतुओं का अस्तित्व खत्म होने की कगार पर पहुंच गया है। यही नहीं, जंगलों में पाई जाने वाली जड़ी-बूटियां और औषधियां भी नष्ट होती जा रही हैं। इससे हिमालय खतरे में नजर आ रहा है।
वन विभाग पर लोगों ने लगाए आरोप
दूसरी तरफ, लोगों का आरोप है कि वन विभाग आग को बुझाने में देरी करता है, जिससे आग विकराल रूप धारण कर लेती है और लाखों की वनसंपदा जलकर खाक हो जाती है। उन्होंने कहा कि वनकर्मियों के पास आग को बुझाने के लिए संसाधनों की कमी है। उनके पास सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम नहीं है। इसलिए वे अपनी जान पर खेलकर जंगल में पहुंच तो जाते हैं, लेकिन आग बुझाने में नाकामयाब रहते हैं।