Mussoorie Property Digitalized: मसूरी नगर पालिका परिषद क्षेत्र के जीआईएस बेस्ड डाटा के द्वितीय चरण में सम्पत्तियों के डोर-टू-डोर सर्वे का कार्य रेमटेक सॉफ्टवेयर सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड से कराया जा रहा है। इसको लेकर नगर पालिका परिषद के सभागार में नगर पालिका मसूरी क्षेत्र अंतर्गत जीआईएस बेस्ड प्रॉपर्टी टैक्स मैपिंग के सर्वे को लेकर जानकारी दी गई। पालिका क्षेत्र में प्रथम चरण के अन्तर्गत यूएबी (ड्रोन) सर्वे का कार्य पूर्ण कर लिया गया है।
गौरव शाह प्रोजेक्ट मैनेजर रेमटेक सॉफ्टवेयर सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड ने बताया कि शहरी विकास निदेशालय के निर्देशों पर मसूरी की सम्पतियों का डिजिटल रजिस्टर बनाया जाना है। उन्होंने कहा कि पूर्व में नगर पालिका और नगर निगम में सभी रिकॉर्ड पेपर पर होते थे, जिनको अब डिजिटलाइज्ड किया जा रहा है। कहा कि मसूरी की सभी संपत्तियों की लेकर डाटा तैयार किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि यह जीआईएस बेस्ड सर्वे है। हर प्रॉपर्टी की एक यूनिक आईडी बनाई जाएगी। इसके बाद ऑनलाइन कोई भी प्रॉपर्टी के बारे में विस्तृत जानकारी ले सकेगा। उन्होंने कहा कि 3 महीने के अंदर मसूरी की सभी संपत्तियों का निरीक्षण कर डिजिटलाइज्ड डाटा तैयार कर लिया जाएगा।
स्थानीय निवासी भारत भूषण ने कहा कि 1875 का मसूरी का मैन्युअल नक्शा बनाया गया था, जो सबसे अधिक ऑथेंटिक है। इसमें सभी भूमि की वास्तविक बाउंड्री को दिखाया गया है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में शहरी विकास विभाग द्वारा मसूरी की सभी संपत्तियों को डिजिटलाइज्ड किया जा रहा है, लेकिन उसका लाभ सभी लोगों को नहीं मिलेगा।
उन्होंने कहा कि 1875 के बाद मसूरी में बेतहाशा अनाधिकृत रूप से निर्माण किए गए हैं। नाल खेल गायब हो चुके हैं। कहा कि एनजीटी द्वारा भी मसूरी को अति संवेदनशील घोषित कर दिया गया है। जोशीमठ, हिमाचल और शिमला की तबाही देखने को मिली है। वहीं, मसूरी में पहाड़ों का दोहन कर अवैध निर्माण किए गए हैं ओर किए जा रहे हैं। इस मामले में संबधित विभाग के अधिकारी मौन हैं। इससे साफ है कि आज नहीं तो कल मसूरी में भी एक बड़ा नुकसान देखने को मिलेगा। उन्होंने कहा कि शहरी विकास विभाग द्वारा मसूरी की सभी संपत्तियों को डिजिटलाइज किया जा रहा है, इससे विसंगतियां फैलना स्वाभाविक है।
अधिशासी अधिकारी राजेश नैथानी ने बताया कि शहरी विकास विभाग द्वारा उत्तराखंड में सभी निकायों की सम्पतियों का डाटा डिजिटलाइज्ड किया जा रहा है। पहले चरण में चार निगम लिए गए थे और दूसरे चरण में 10 निकाय हैं। इसमें मसूरी भी है। उन्होंने कहा कि पूर्व में मसूरी नगर पालिका क्षेत्र की सभी संपत्तियों का ड्रोन से सर्वे पूरा कर लिया गया है। अब डोर-टू-डोर सर्वे का कार्य किया जाना है।
उन्होंने कहा कि एक अप्रैल तक सभी रिकॉर्ड को डिजिटलाइज्ड कर दिया जाएगा। इससे जनता को ऑनलाइन टैक्स जमा करने, ऑनलाइन म्यूटेशन आदि की सुविधा मिलने लगेगी। उन्होंने कहा कि मसूरी में ज्यादातर सम्पतियां अन्य राज्यों में रहने वाले लोगों की हैं, जिसका एक ही क्लिक में पूरा विवरण मिल जाएगा। इससे पालिका की आय में भी वृद्धि होगी।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में नगर पालिका मसूरी में 6500 संपत्ति का रिकॉर्ड रजिस्टर्ड है। उनका स्वामित्व नगर पालिका के पास हैं। अब नए सर्वे के बाद जो नई सम्पतियां आएंगी उनके स्वामित्व को पालिका के द्वारा देखा जाएगा। जिन पर अवैध रूप से निर्माण किया गया है, उन पर शासन स्तर से कार्रवाई की जानी है।