Mussoorie Municipal Council: मसूरी को पहाड़ों की रानी के नाम से जाना जाता है। इसे हमेशा साफ और सुथरा रखने के लिए नगर पालिका परिषद ने नायाब तरीका खोजा है। मसूरी में अब सूखा और गीला कूड़ा अलग-अलग करके देना अनिवार्य होगा अनिवार्य। परिषद द्वारा सभी बड़े प्रतिष्ठानों को निर्देश जारी किए गए हैं। नगर पालिका परिषद के अधिशासी अधिकारी राजेश नैथानी ने ठोस अपशिष्ट अधिनियम 2016 के अंतर्गत कूड़ा निस्तारण को लेकर मसूरी के बड़े होटल, रेस्टारेंट और स्कूल संचालकों के साथ बैठक की। इस बैठक में 100 किलोग्राम से अधिक कूड़ा उत्पादित करने वाले व्यवसायिक संस्थानों और प्रतिष्ठानों को बल्क वेस्ट जनरेटर की श्रेणी में रखा गया है। इन प्रतिष्ठानों को अपने परिसर में गीले और सूखे कूड़े का अलग-अलग सेग्रेगेशन करना अनिवार्य होगा।
Mussoorie Municipal Council ने शुरू किया एमआरएफ सेंटर
अधिशासी अधिकारी राजेश नैथानी ने बताया कि मसूरी में बड़े होटल, स्कूल और रेस्टोरेंट 100 किलो से ज्यादा कूड़ा रोज जनरेट करते हैं। ठोस अपशिष्ट अधिनियम 2016 के अंतर्गत इनको अपने कूड़े का निस्तारण स्वयं करना होता है, परंतु स्कूल होटल, रेस्टोरेंट और संचालकों द्वारा कूड़े के निस्तारण को लेकर कोई व्यवस्था नहीं की गई है। उन्होंने कहा कि नगर पालिका द्वारा एमआरएफ सेंटर को शुरू कर दिया गया है। कूड़ा निस्तारण को लेकर काम कर रही कार्यदाई संस्था को गीला और सूखा कूड़ा अलग-अलग चाहिए, लेकिन होटल, रेस्टोरेंट और स्कूलों द्वारा कूड़े का सेग्रेगेशन नहीं किया जा रहा। वे मिक्स कूड़ा दे रहे हैं।
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Mussoorie Municipal Council को समय से नहीं मिल रहा यूजर चार्ज
राजेश नैथानी ने कहा कि पालिका द्वारा कूड़ा निस्तारण के लिये यूजर चार्ज लिया जाता है, लेकिन कई प्रतिष्ठानों द्वारा यूजर चार्ज भी समय से नहीं दिया जा रहा है। अब इन सभी पर पेनल्टी लगाए जाने की कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि ठोस अपशिष्ट अधिनियम 2016 के तहत 100 किलो से ज्यादा कूड़ा जनरेट करने वाले सभी संस्थानों को अपने कूड़े का निस्तारण करने के लिए सेल्फ कंपोस्ट प्लांट स्थापित करना आवश्यक है। अगर प्रतिष्ठानों द्वारा गीला और सूखा कूड़ा अलग करके नहीं दिया गया तो नगर पालिका मसूरी द्वारा कूड़ा को ले जाना बंद कर दिया जायेगा। कूड़ा निस्तारण की जिम्मेदारी प्रतिष्ठानों की होगी।
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