उत्तराखंड में आंगनबाड़ी कार्यकार्ता लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन कर रही हैं। प्रदेश के अलग-अलग शहरों में ये आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अपनी आवाज को बुलुंद कर रही हैं। इसके साथ ही सरकार को चेतावनी भी दे रहीं है कि अगर उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जाएगा तो वह कार्यों का बहिष्कार करेंगी।
प्रदेश में लगातार आंगनबाड़ी वर्कर्स का विरोध प्रदर्शन बढ़ता जा रहा है। एक बार फिर आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ के आह्वान पर आंगनबाड़ी कार्याकर्ताओं ने मसूरी के शहीद स्थल पर धरना प्रदर्शन किया। मसूरी ब्लाक अध्यक्ष जयश्री बिष्ट के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने सरकार पर आरोप लगाया कि उनकी काफी समय से अनदेखी की जा रही है। सरकार बहुत काम ले रही है, जिसका उन्हें काफी कम मानदेय दिया जा रहा है।
पिछले 20 फरवरी से आंगनबाड़ी वर्कर्स और सहायिकाएं कार्य बहिष्कार पर हैं। उन्होंने सरकार को साफ चेतावनी दी कि मांग पूरी नहीं तो निर्वाचन संबंधी कार्यों का पूरी तरह से बहिष्कार किया जाएगा। मसूरी में धरना प्रदर्शन करते हुए आंगनबाड़ी वर्कर्स ने खुद को राज्य कर्मचारी घोषित की जाने की मांग की। हालांकि, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के यही मांग नहीं उनकी कई मांगें हैं।
क्या है आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की मांगे
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं कि मांग हैं कि उन्हें राज्य कर्मचारी घोषित किया जाए। वर्कर्स का कहना है कि आंगनबाड़ी वर्करों को बीएलओ के साथ ही पोलियो की ड्यूटी करनी पड़ती है। जिसका उन्हें कोई अतिरिक्त मानदेय नहीं दिया जाता है। वर्तमान में वर्कर्स के मानदेय को 9 हजार से बढ़ाकर 26 हजार रुपए किया जाए। हम लंबे समय से मांग को लेकर आंदोलनरत है। हमें मोबाइल रिचार्ज भी नहीं दिया जाता और ऑनलाइन वर्क बहुत कार्य कराया जाता है।
आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का कहना है कि उनकी न्यूनतम वेतन के साथ ही उनकी अन्य जायज मांगों पर भी शीघ्र अमल किया जाए। उनकी मांगों पर सरकार को ध्यान देना चाहिए। ऐसे में अब देखना होगा कि ये सरकार इनकी मांगों को कब तक पूरा करती है।