Ayurvedic Medicine in Uttarakhand: उत्तराखंड में आयुर्वेद चिकित्सा को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके लिए धामी सरकार ने एक नई पहल की है। धामी सरकार ने उत्तराखंड के 186 गांवों को अलग-अलग जड़ी-बूटी के नाम से चिह्नित किया है। इससे पर्यावरण संरक्षण को भी बढ़ावा मिलेगा। उत्तराखंड के आयुर्वेद विभाग ने 186 गांवों के ग्रामीणों को संबंधित जड़ी-बूटी के पौधे बांटे हैं। इसकी रिपोर्ट विभाग ने केंद्र सरकार को भी भेज दी है।
सचिव आय़ुष डॉ. पंकज कुमार पांडेय ने बताया कि अल्मोड़ा जिले में 35 गांवों, बागेश्वर में 12 गांवों, चमोली में 4 गांवों, हरिद्वार में 3 गांवों, नैनीताल जिले में 15 गांवों, पौड़ी जिले में 42 गांवों, पिथौरागढ़ में 23 गांवों, रुद्रप्रयाग में 5 गांवों, टिहरी में 24 गांवों, ऊधमसिंह नगर में 10 गांवों और उत्तरकाशी में 13 गांवों को जड़ी-बूटी गांव के रूप में चिह्नित किया गया है।
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सचिव आय़ुष पंकज कुमार पांडेय का कहना है कि इससे लोग पर्यावरण के प्रति लोग जागरूक होंगे। उन्होंने बताया कि आगामी महीने से उत्तराखंड में 3900 स्कूलों में आयुर्विद्या कार्यक्रम भी शुरू किया जाएगा। इन कार्यक्रमों में आयुर्वेद डॉक्टर स्कूलों में जाएंगे और बच्चों को जागरूक करेंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 13 गांवों को आयुष ग्राम के रूप में विकसित किया जाएगा। इसके बाद इन गांवों में आयुर्वेद, योग और होम्योपैथी के शिविर लगाए जाएंगे।
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