Eye Problem: आज का युग आधुनिक और टेक्नोलॉजी बेस्ड है। आज के समय में मानव तकनीक आधारित काम करने लगा है। यानी कि आज के समय को गैजेट्स का युग कहना बिल्कुल भी गलत नहीं होगा। आज मानव छोटे-छोटे कामों से लेकर बड़े कामों को करने के लिए गैजेट्स का इस्तेमाल करता है। जहां एक ओर यह हमारे लिए सुविधा का कारण बनता है तो वहीं इन गैजेट्स का दुष्प्रभाव भी हमारे स्वास्थ्य और शरीर पर पड़ता है। बड़े से लेकर बच्चे तक इन आधुनिक उपकरण का उपयोग करने में पीछे नहीं हटते हैं।
मोबाइल-लैपटॉप से आंखों और मस्तिष्क पर पड़ता है बुरा असर
हमारे दैनिक जीवन में हमारे पल-पाल का साथी मोबाइल से सबसे अधिक दुष्प्रभाव हमारे आंखों पर पड़ता है। आजकल के माता-पिता अपने बच्चों को कुछ साल बड़े होने के बाद ही मोबाइल थमा देते हैं। यहां तक कि स्कूलों और कॉलेज में पढ़ाई करने के लिए भी मोबाइल और लैपटॉप का इस्तेमाल किया जाता है। लगातार मोबाइल और लैपटॉप देखने से बच्चों और बड़ों के आंखों और मस्तिष्क पर इसका काफी बुरा असर देखने को मिल रहा है।
‘कैमरे की लाइट बंद कर मोबाइल चलाना सबसे ज्यादा खतरनाक’
दून अस्पताल में आंखों के स्पेशलिस्ट डॉक्टर सुशील ओझा ने बताया कि मोबाइल और लैपटॉप के अंदर से जो लाइट बाहर की ओर निकलती है, यह सबसे ज्यादा हानिकारक होता है। दूसरी बात, आजकल लोग जो रात में कैमरे की लाइट ऑफ कर मोबाइल चलाते हैं, वह सबसे ज्यादा खतरनाक है। उन्होंने कहा कि आंखों के बचाव के लिए योग करना बहुत आवश्यक है।
आंखों का अच्छे से रखें ध्यान
बता दें कि आंख हमारे शरीर का महत्वपूर्ण अंग है। आंख से हमें दिखाई देता है। कई लोग ऐसे हैं, जिनके पास आंखें नहीं हैं। ऐसे में वे इस दुनिया की खूबसूरती को नहीं देख पाते। इसलिए अपनी आंखों का हमेशा अच्छे तरीके से ध्यान रखें। सच ही कहा गया है- आखें हैं तो जहान हैं।