फरवरी महीने की 15 तारीख के बाद जंगलों के लिए फायर सिजन की शुरुआत हो जाती है। इसे लेकर जंगलों में आग पर काबू पाने के लिए बर्निंग कंट्रोल अभ्यास किया जा रहा है, उत्तराखंड के हरिद्वार ऋषिकेश के चीला रेंज में राजाजी नेंशनल पार्क में बर्निंग कंट्रोल की प्रैक्टिस की गई। इसके तहत जंगल की सूखी पत्तियों को इकट्ठा कर उन्हे जलाया गया, इसके अलावा जागरुकता के साथ-साथ वन विभाग की टीमें भी तैयार की गई है। जो हर वक्त जंगल की हरकतों पर नजर रखेंगी।
फरवरी महीना अब अपने आखिरी सप्ताह की तरफ चल पड़ा है। सर्दी से निकलकर मौसम का मिजाज भी अब शरद की तरफ जा रहा है। ऐसे मौसम में अक्सर जंगलों में आग की घटनाएं बढ़ जाती हैं। छोटी छोटी चिंगारियां कहीं ज्वाला बनकर विकराल रूप न ले ले और जंगलों को खाक ना कर डाले। इसके लिए वन विभाग और राजाजी टाइगर रिजर्व की टीम अभी से कंट्रोल बर्निंग की एक्सरसाइज में जुट गई हैं। हर साल इसी तरह 15 फरवरी के बाद से जंगलों को आग से बचाने की मुहिम शुरू हो जाती है। प्रशासन अलर्ट मोड पर आ जाता है क्योंकि फरवरी खत्म होते होते जंगलों के आग में घिरने की संभावनाएं बढ़ती चली जाती हैं।
जानकारी देते हुए रविंद्र पुंडीर, वाइल्ड लाइफ वार्डन, ने बताया की कंट्रोल बर्निंग से गर्मियों के सीजन में आग लगने की संभावना है कम हो जाती हैं क्योंकि आग लगने के लिए तीन चीज बहुत जरूरी है ऑक्सीजन फ्यूल और टेंपरेचर। ऑक्सीजन और टेंपरेचर पर तो हमारा कोई नियंत्रण नहीं हो सकता लेकिन हम फ्यूल जितना कम जंगल से कम किया जा सके उतना कम करते हैं ताकि जंगलों में आग ना लगे।
इसी के साथ उन्होंने बताया कि हमारे द्वारा इस बार एक विशेष अभियान भी चलाया जा रहा है जिसके तहत यदि कोई भी शरारती तत्व जंगल में आग लगाते पाया जाता है तो उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई भी की जाएगी।
जंगल में आग की घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए जंगल से सटे इलाकों में बसने वाले लोगों को जागरुक कर उनकी मदद भी ली जा रही है ताकि किसी भी परिस्थिति की में हमें मैनपावर की कमी ना हो और हम किसी भी समस्या का मौके पर ही निवारण कर सकें। उन्होंने बताया कि हमारे द्वारा सभी गांव में एक विशेष टीम भी बनाई गई है जिन्हें वन विभाग की ओर से ट्रेनिंग दी जा रही है। उन्हें एक किट भी मोहिया वन विभाग द्वारा कराई जा रही है वही जंगलों में एक विशेष टीम लगातार गर्मियों के सीजन में ग्रस्त करेगी। उन्होंने बताया कि 2021 में राजा जी के क्षेत्र में वन अग्नि की काफी घटनाएं हुई थी जिसको देखते हुए इस बार पहले से ही 2022 की तर्ज पर कार्य करना शुरू कर दिया गया है।
वन विभाग विशेष टीम बनाकर वर्निंग कंट्रोल प्रैक्टिस में लग चुका है। इसके तहत गश्त करने वाली टीम भी तैयार की गई है। जो हर वक्त जंगल की हरकतों पर निगरानी रखेंगी। निगरानी टीम में फायर वाचर वन दरोगा और वन रक्षक को अलर्ट मोड पर रखा गया है। साल 2021 में राजाजी टाइगर रिजर्व क्षेत्र में आग लगने की कई घटनाओं से सबक लेते हुए वन प्रशासन विशेष अभियान चलाते हुए कमर कस चुका है।