Chardham Yatra 2024 : उत्तराखंड में चारधाम यात्रा 10 मई से शुरू हो रही है। चारधाम यात्रा को लेकर श्रद्धालुओं में जबरदस्त उत्साह है। आज ऋषिकेश से यात्रियों का पहला जत्था चारधाम के लिए रवाना हो गया है। वहीं, विश्व प्रसिद्ध भगवान बदरीनाथ के कपाट 12 मई को ब्रह्ममुहूर्त में सुबह 6 बजे खुलेंगे। भगवान के कपाट खोलने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। टिहरी राजदरबार से तिल के तेल का गाडू घड़ा कर्णप्रयाग के डिम्मर गांव में पूजा-अर्चना के बाद गुरुवार को जोशीमठ स्थित नृसिंह मंदिर पहुंचा, जहां गाडू घड़े की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की गई।
भगवान बदरी विशाल और शंकराचार्य की गद्दी की शीतकालीन पूजा जोशीमठ नृसिंह मंदिर में होती है, जहां से शुक्रवार को भगवान शंकराचार्य जी की गद्दी, तेल कलश और बदरीनाथ जी के मुख्य पुजारी रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूरी बदरीनाथ जी के शीतकालीन पूजास्थल पांडुकेश्वर के योगबदरी की ओर रवाना होंगे। यहां रावल जी द्वारा भगवान कुबेर, उद्धव, बासुदेव और बदरीनाथ जी की एक दिवसीय पूजा-अर्चना की जाती है। उसके बाद शंकराचार्य की गद्दी, कुबेर और उद्धव जी की डोली बदरीनाथ धाम के लिए रवाना होगी। कपाट खुलने से पूर्व बदरीनाथ धाम में लगभग सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। मंदिर के साथ ही आस-पास के क्षेत्र में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा गया।