Badrinath Dham Yatra 2024: उत्तराखंड में चारधाम यात्रा का आगाज हो चुका है। इसी के साथ सरकार की व्यवस्थाओं को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। अब बद्रीनाथ धाम में वीआईपी दर्शन की व्यवस्था समाप्त कर दी गई है। अब आम श्रद्धालु और वीआईपी श्रद्धालु लाइन में खड़े होकर दर्शन के लिए मंदिर में प्रवेश पाएंगे, जिसको लेकर सूबे की सियासत भी गर्मा गई है।
श्रद्धालुओं को हो रही परेशानी
चारधाम यात्रा शुरू होने के बाद से देश- विदेश से बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के उत्तराखंड पहुंचने का सिलसिला लगातार जारी है। ऐसे में तीर्थयात्रियों को चारधाम यात्रा के दौरान क्राउड मैनेजमेंट, पार्किंग, के साथ ही खराब प्रबंधन के कारण अनेक परेशानियों का सामना भी करना पड़ रहा है।
पुजारियों और स्थानीय लोगों ने सोमवार को किया विरोध प्रदर्शन
बद्रीनाथ धाम में पुजारियों और स्थानीय लोगों ने जिला प्रशासन के कुप्रबंधन के खिलाफ सोमवार को विरोध प्रदर्शन किया था और दुकानें बंद कर दी थी। पंडा समुदाय और स्थानीय लोग सड़कों पर उतर आए। कुछ समय के लिए बाजार और दुकानें बंद रखीं। इससे दर्शन करने पहुंचे तीर्थयात्रियों को काफी असुविधा हुई।
बैकफुट पर आई बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति
दरअसल, बद्रीनाथ धाम में आने वाले वीआईपी लोगों के कारण स्थानीय निवासियों और आम श्रद्धालुओं को घंटों लाइन में इंतजार करने को मजबूर होना पड़ता है। बद्रीनाथ में स्थानीय निवासियों के द्वारा किये गए विरोध प्रदर्शन के बाद प्रशासन व बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति को बैकफुट पर आना पड़ा और वीआईपी दर्शन समाप्त करने का निर्णय लिया गया।
कांग्रेस ने प्रदेश सरकार पर साधा निशाना
बद्रीनाथ धाम में हुए विरोध प्रदर्शन को लेकर कांग्रेस ने प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता शीशपाल सिंह बिष्ट का कहना है कि चारधाम यात्रा शुरू होने से पहले सरकार बड़े-बड़े दावे कर रही थी, लेकिन अब सरकार की व्यवस्थाओं की पोल खुलनी शुरू हो गई है। यात्रा के पहले 15 दिन सरकार ने कोई भी वीआईपी मूवमेंट करने से मना किया था, लेकिन खुद प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पहले ही दिन केदारनाथ धाम पहुंच जाते हैं। जब सरकार अपने आदेशों का पालन नहीं कर सकती है तो फिर ऐसे आदेश क्यों जारी किए जाते हैं। चारों धामों में शुरुआत से ही जिस तरीके से व्यवस्था चरमराई हुई है, उससे लगता है कि सरकार ने पिछली चारधाम यात्रा से कुछ नहीं सीखा, जिस कारण प्रदेश की छवि पूरे देश में खराब हो रही है।
बीजेपी ने कांग्रेस पर किया पलटवार
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता कमलेश रमन ने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए कहा कि स्थानीय निवासियों का कोई भी विरोध प्रदर्शन नहीं था, बल्कि स्थानीय निवासियों और हक-हकूक धारियों द्वारा सुझाव दिए गए कि वीआईपी दर्शन से आम श्रद्धालुओं को परेशानी ना हो। उन्होंने वीआईपी दर्शन की व्यवस्था समाप्त करने के निर्णय की सराहना करते हुए कहा कि मंदिर में आने वाले वीआईपी और आम नागरिकों के लिए भगवान के दर्शन एक समान होते हैं, लेकिन इस फैसले के बाद अब बद्रीनाथ धाम में आने वाले श्रद्धालुओं और स्थानीय निवासियों को परेशानी नहीं होगी।
अभी भी होंगे वीआईपी दर्शन?
बद्रीनाथ धाम में भले ही वीआईपी दर्शन की व्यवस्था को समाप्त कर दिया गया हो, लेकिन जिनके लिए सरकार की ओर से प्रोटोकॉल जारी किया गया होगा, वे अभी भी वीआईपी दर्शन कर सकते हैं… अब देखने वाली बात होगी कि प्रशासन व बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति ने जो निर्णय लिया है, उस पर खुद कितना और कब तक अमल कर पाती है? या फिर एक पुराने ढर्रे को अपनाते हुए स्थानीय लोगों और आम श्रद्धालुओं को परेशानी का सामना करना पड़ेगा।