Uttarakhand Forest Fire : उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में गुरुवार को बड़ा हादसा हो गया। यहां जंगल की आग की चपेट में आने से दो अफसर सहित वन विभाग के चार कर्मचारियों की मौत हो गई, जबकि चार लोग गम्भीर रूप से झुलस गए। गंभीर रूप से झुलसे घायलों को बेस अस्पताल लाया गया, जहां उनका इलाज किया जा रहा है। घायलों की हालत गंभीर है। हादसा अल्मोड़ा जिले के बिनसर वन्य अभ्यारण क्षेत्र का बताया जा रहा है।
जानकारी के अनुसार, वन विभाग के कुछ कर्मचारी अपनी गाड़ी से जंगल की आग बुझाने जा रहे थे, तभी उनकी गाड़ी आग की चपेट में आ गई। इस घटना में चारों कर्मचारियों की आग में झुलसकर मौत हो गई। वहीं, कुछ अन्य कर्मचारी गंभीर रूप से झुलसे भी है, जिन्हें पास के हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। मौके पर वन विभाग के अधिकारी पहुंच गए हैं। बेस अस्पताल के डॉक्टर अशोक कुमार का कहना है कि एक शख्स 80% चल चुका है, जबकि अन्य 45% झुलस चुके हैं। यह सभी फायर वाचक पीआरडी जवानों के साथ आग बुझाने गए थे। एक पीआरडी जवान की मौके पर ही मौत हो गई।
वन विभाग के रेंजर मनोज सनवाल ने बताया कि आज दोपहर 3 बजे विनसर में आग लगने की सूचना पर मौके पर वन विभाग के 8 लोगों की टीम मौके पर पहुंची। हवा की तेजी के कारण आग ने विकराल रूप धारण कर लिया। इससे 4 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई और 4 लोग गंभीर रूप से घायल हैं। इनको हल्द्वानी सुशीला तिवारी हॉस्पिटल रेफर कर दिया गया है।
घटना में मृतक वनकर्मी
दीवान राम- 35 (वनकर्मी)
करन आर्य- 21 (वनकर्मी)
त्रिलोक मेहता- 56 (वनकर्मी)
पूरन मेहरा- 52 पीआरडी जवान
घटना में घायल वनकर्मी
कृष्ण कुमार- 21 (वन कर्मी)
भगत सिंह भोज- 38 (वन कर्मी)
कैलाश भट्ट- 44 (वन कर्मी)
कुंदन नेगी- 44 (पीआरडी जवान)
रानीखेत में आवासीय भवनों की ओर बढ़ी जंगल की आग, बमुश्किल पाया काबू
रानीखेत कैंट क्षेत्र के चायना व्यू में जंगलों की आग आवासीय भवनों की ओर बढ़ गई और आग ने विकराल रूप ले लिया। आग से उठते धुएं के कारण पहाड़ों में धुंध छाई हुई है, जिससे सांस लेना भी दूभर हो रहा है। सड़क किनारे आग लगने से वाहनों के आने-जाने में भी परेशानी हो रही है। चायना व्यू क्षेत्र में आग की खबर सुनते ही कैंट फॉरेस्ट के रेंजर कमल फर्त्याल अपनी पूरी टीम को लेकर मौके पर पहुंचे और फायर ब्रिगेड के साथ बमुश्किल आग पर काबू पाया।
आग इथनी भयंकर थी कि चीड़ के हरे पेड़ भी जलने लगे। वन विभाग और कैंट फॉरेस्ट के कर्मचारी दिन-रात आग पर काबू पाने की कोशिश कर रहे हैं। वहीं, आम नागरिकों को भी अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी। वनाग्नि को लेकर जागरूक होना पड़ेगा। सड़क किनारे चीड़ के इन जले हुए पेड़ों को जल्द ही वन विभाग या कैंट फॉरेस्ट को कटवाना चाहिए अन्यथा कोई बड़ी दुर्घटना हो सकती है।