Kartik Swami Temple : उत्तर और दक्षिण भारत के संगम को लेकर तमिलनाडु-बद्री-केदार कार्तिक स्वामी एक्सप्रेस ट्रेन से कार्तिक स्वामी पहुंचे यात्रियों के दल का कार्तिकेय मंदिर समिति के सदस्यों ने ढोल नगाड़ों के साथ भव्य स्वागत किया। कार्तिक स्वामी मंदिर के लिए मंगलवार का दिन ऐतिहासिक रहा। दल के 80 सदस्य कार्तिक धाम पहुंचे और यहां उन्होंने बद्री-केदार की यात्रा के साथ ही कार्तिक स्वामी धाम में मिल रहीं सुविधाओं की जमकर प्रशंसा की। दल के अन्य 85 सदस्य बुधवार को कार्तिक स्वामी धाम पहुंचकर भगवान कार्तिकेय का आशीर्वाद लेंगे।
तमिलनाडु-बद्री-केदार कार्तिक स्वामी एक्सप्रेस ट्रेन से मंगलवार को 80 यात्रियों का दल देवभूमि उत्तराखंड पहुंचा। दल के सदस्यों ने बद्री-केदार की यात्रा करने के बाद कार्तिक स्वामी के दर्शन कर पूजा-अर्चना की, जिससे कार्तिक स्वामी मंदिर को विश्व पटल पर पहचान मिल सके। दल ने क्रौंच पर्वत स्थित कार्तिक स्वामी पहुंचने पर खुशी जाहिर की और इसे यादगार बताया। कार्तिक स्वामी के आधार शिविर कनकचैंरी में कार्तिकेय मंदिर समिति के सदस्यों ने यात्री दल का फूल मालाओं एवं ढोल नगाड़ों के साथ भव्य स्वागत किया।
कार्तिक स्वामी मंदिर समिति की ओर से कई बार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ ही रेल मंत्री और उत्तराखंड के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज से तमिलनाडु बद्री-केदार कार्तिक स्वामी एक्सप्रेस ट्रेन शुरू करने की मांग की गई थी। प्रदेश के काबीना मंत्री सतपाल महाराज के प्रारंभिक प्रयासों से यह ऐतिहासिक दिन सामने आया है। मंदिर समिति के पुजारी लक्ष्मण सिहं नेगी ने बताया कि उत्तर और दक्षिण भारत के संगम को लेकर बद्री-केदार यात्रा के साथ ही यात्रियों को कार्तिक स्वामी धाम के भी दर्शन करवाए जाने जरूरी हैं। इससे यहां के लोगों को भी रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे।
उन्होंने बताया कि कार्तिक स्वामी पहुंचने वाले भक्तों के आगमन से रुद्रप्रयाग, चोपता, दुर्गाधार, घिमतोली, कनकचैंरी और पोखरी तक के यात्रियों को रोजगार के अवसर मिलेंगे, जो आर्थिक रूप में मील का पत्थर साबित होंगे। उन्होंने कहा कि उत्तर भारत में एकमात्र कार्तिक स्वामी का मंदिर उत्तराखंड में स्थित है। कार्तिक स्वामी को दक्षिण भारत में मुरगन स्वामी के साथ ही सुब्रह्म स्वामी के नाम भी जाना जाता है।