Glacier Melting in Uttarakhand : इस समय पूरा देश भीषण गर्मी और लू की चपेट में है। वहीं, पहाड़ पर भी इसका असर देखने को मिल रहा है। धीरे-धीरे अब पहाड़ों के तापमान में भी बदलाव हो रहा है। इसके चलते टिहरी जिले के खतलिंग ग्लेशियर से निकलने वाली भिलंगना नदी और गोमुख उद्गम स्थल से निकलने वाली भागीरथी नदी के प्रवाह में बढ़ोत्तरी देखने को मिल रही है। गंगा की दोनों सहायक नदी के प्रवाह में वृद्धि का एक बड़ा कारण ग्लेशियर हैं। पहाड़ों पर अभी बारिश ने ज्यादा दस्तक नहीं दी है, उसके बाद भी नदियों के प्रवाह में वृद्धि होती जा रही है।
टीएचडीसी टिहरी के अधिशासी निदेशक एलपी जोशी ने बताया कि टिहरी बांध परियोजना में कुछ कार्य चल रहा है। इसके चलते टीएचडीसी द्वारा विद्युत उत्पादन रोका गया है। हालांकि, कुछ हद तक पानी पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए छोड़ा जा रहा है। टीएचडीसी के सिविल कार्य के लिए टीएचडीसी ने भारत सरकार और यूपी सरकार से अनुमति ली है। इसके लिए दोनों सरकारों ने अनुमति प्रदान की है। टीएचडीसी के झील के गेट बंद होने और नदी के बढ़ते प्रभाव से टिहरी झील में लगातार पानी की बढ़ोत्तरी होती जा रही है। वहीं, टिहरी झील के वर्तमान पानी के लेबल की बात की जाय तो टिहरी झील का लेबल बढ़कर 766.71 मीटर तक पहुंच गया है, जबकि भिलंगना नदी के प्रवाह की बात की जाय तो भिलंगना नदी का जल प्रवाह 53.50 मीटर है। वहीं, भागीरथी नदी का पानी का लेबल 183.05 मीटर है। इस कारण टिहरी झील के पानी के लेबल में लगातार वृद्धि हो रही है।
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