Yamunotri Dham : यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने में अब महज 9 दिन का समय बाकी है। ऐसे में होटल व्यवसाय और यात्रा रूट पर व्यापार करने वाले व्यापारियों का विरोध भी शुरू होने लगा है। 10 मई से पहले ऑनलाइन पंजीकरण का फरमान वापस न होने की स्थिति में व्यापारियों ने अपने होटल बंद रखने की चेतावनी दी है। यमुनोत्री धाम के कपाट भक्तों के लिए 10 मई को खुलेंगे।
दरअसल, होटल व्यवसायियों और व्यापारियों का कहना है कि यमुनोत्री में रोजाना यात्री दर्शन और रुकने की सीमा 9000 को समाप्त कर देना चाहिए, जबकि यमुनोत्री रोड पर प्लास्टिक रैपर पर लगाए जाने वाले क्यूआर कोड को भी समाप्त कर देना चाहिए। क्यूआर कोड पानी की बोतल पर 10 रुपये अतिरिक्त चार्ज यानी ओवररेटिंग है। व्यापारियों का कहना है कि सीमित संख्या के कारण श्रद्धालु ऑनलाइन पंजीकरण नहीं करवा पा रहे है, जिससे चारधाम यात्रा बुकिंग पर प्रभाव पड़ रहा है, जबकि चारधाम यात्रा ही यहां की लाइफ लाइन मानी जाती है। सभी प्रकार के व्यवसायों को रोजगार मिलता है।
लोगों का आरोप है कि सरकार गरीबों की रोजी-रोटी पर सीधा प्रहार करती है, जिसका यमुनाघाटी महासंघ विरोध कर रह है। सरकार ने यमुनोत्री के लिए 9000 हजार और गंगोत्री के लिए 11000 हजार की संख्या निर्धारित की है। होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष सोबन सिंह राणा का कहना है कि भारत के किसी भी धार्मिक स्थल पर सीमित संख्या का प्रावधान नहीं हैं, फिर चारधाम यात्रा पर ही क्यूं? उन्होंने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से कहा कि सरकार को व्यवस्था करनी है तो सड़क, स्वास्थ्य, कानून-व्यवस्था, शौचालय, बिजली, पानी आदी की व्यवस्था करे न कि यात्रियों की सीमित संख्या की। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि 9 मई तक ऑनलाइन पंजीकरण की बाध्यता का फैसला वापस नहीं हुआ तो 10 मई को सभी होटल व्यवसायी, वाहन स्वामी, घोड़े-खच्चर, डंडी-कंडी आदि अपने-अपने व्यवसाय बंद कर देंगे।