Slow Poison: Mukhtar Ansari की गुरुवार रात मौत हो गई। माफिया अंसारी की मौत के बाद सोशल मीडिया पर स्लो पॉइजन शब्द ट्रेंड करने लगा। इसके पीछे की वजह थी अंसारी के परिजन। परिजनों ने दावा किया कि मुख्तार अंसारी को जेल में स्लो पॉइजन दिया जा रहा था। हालांकि मुख्तार अंसारी की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में इस तरीके की कोई भी बात सामने नहीं आई। आज हम आपको बताएंगे स्लो पॉइजन होता क्या है?
क्या होता है स्लो पॉइजन
स्लो पॉइजनिंग के बारे में डॉक्टरों का कहना है कि स्लो पॉइजनिंग ऐसा जहर है जो धीरे-धीरे इंसान की जान लेता है। दुनिया में बहुत सारे जहर हैं जो स्लो पॉइजनिंग की तरह काम करते हैं उनके नाम अलग-अलग है। इन्हीं में से एक है थैलियम। थैलियम के बारे में डॉक्टरों का कहना है अगर किसी इंसान को थैलियम दे दिया जाए तो उसकी मौत तुरंत नहीं होती। बल्कि पहले उसकी तबीयत खराब होती है फिर 24 घंटे के भीतर उसकी मौत हो जाती है।
सबसे खतरनाक है स्लो पॉइजन
थैलियम के अलावा पोलोनियम-210 को दुनिया का सबसे खतरनाक स्लो पॉइजन माना जाता है। पोलोनियम-210 के बारे में डॉक्टरों का दावा है कि इसे अगर किसी को दे दिया जाए तो उसकी मौत पक्की है। ये इतना खतरनाक है कि इसका एक ग्राम लाखों लोगों की जान ले सकता है। दरअसल, ये एक रेडियोएक्टिव तत्व है और इससे निकलने वाला रेडिएशन इतना खतरनाक होता है कि इससे सिर्फ शरीर पर ही असर नहीं पड़ता, बल्कि इंसान का पूरा इम्यून सिस्टम तबाह हो जाता है। पोलोनियम-210 से डॉक्टर बचने की सलाह देते हैं।
स्लो प्वाइजन से पहले होता है इम्यून सिस्टम कमजोर
अब आपके मन में एक सवाल जरूर उठ रहा होगा, स्लो प्वाइजनिंग किस तरीके से काम करता है। स्लो प्वाइजन के बारे में डॉक्टरों का कहना है यह दो तरीके से काम करता है एक जो इंसान को 24 घंटे में बीमार कर देता है और उसकी जान ले लेता है और दूसरा वो जो मौत देने में कई दिन लगाता है। हालांकि, दोनों ही तरीकों में इंसान पहले बीमार होता है, उसका इम्यून सिस्टम कमजोर होता है और फिर उसकी मौत होती है।