Vibrant Village Program : केंद्र सरकार के ‘वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम’ के अंतर्गत उत्तरकाशी के सीमावर्ती क्षेत्र के गांवों के समग्र विकास और स्थानीय निवासियों के जीवन की गुणवत्ता को सुधारने की योजनाएं जल्द ही जमीन पर उतरने वाली है। इस कार्यक्रम के तहत भारत सरकार द्वारा जिले के आठ गांवों में विद्यालयों को सुदृढ़ करने और विद्युतीकरण के लिए 6.57 करोड़ रुपये की लागत की योजनाओं के प्रस्तावों को अनुमोदित कर दिया गया है।
जिला स्तर से नेलांग व जादुंग गांव में आजीविका संवर्द्धन एवं पर्यटन विकास की योजनाओं का निर्माण किए जाने के साथ ही टकनौर क्षेत्र के आठ गांवों को रिंग रोड से जोड़े जाने, हर्षिल सैन्य क्षेत्र के बाहर बाईपास सड़क का निर्माण करने और गंगा तट पर घाटों के निर्माण की योजनाओं सहित अनेक महत्वपूर्ण परियोजनाओं को भी वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम में प्रस्तावित किए जाने का निर्णय लिया गया है।
केंद्र सहायतित ‘वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम‘ के तहत जिले के सीमावर्ती क्षेत्र के दस गांवों जादुंग, नेलांग, मुखवा, धराली, हर्षिल, बगोरी, झाला, जसपुर, पुराली और सुक्खी को शामिल किया गया है। गत वर्ष से शुरू किए गए इस कार्यक्रम में कृषि, बागवानी, पर्यटन एवं सांस्कृतिक विरासत, शिक्षा व कौशल विकास एवं उद्यमिता प्रोत्साहन, सड़क संचार, आवास एवं ग्रामीण अवसंरचना, ऊर्जा, संचार और आजीविका सृजन के अवसर पैदा करने के लिए जिला स्तर से इन गांवों के लिए अनेक योजनाओं के प्रस्ताव केंद्र सरकार की स्वीकृति के लिए भेजे जा चुके हैं।
‘नेलांग और जादुंग गांव पर विशेष ध्यान दिया जाना जरूरी‘
इस कार्यक्रम के तहत विभागों की कार्ययोजना की समीक्षा एवं नई योजनाओं पर विचार-विमर्श के लिए जिला स्तर पर आयोजित बैठक में डीएम डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्र में खाली पड़े नेलांग और जादुंग गांव को पुनर्स्थापित करने पर विशेष ध्यान दिया जाना जरूरी है। इसके लिए इन गांवों में बुनियादी सुविधाओं की व्यवस्था करने के साथ ही यहां के निवासियों को आजीविका के बेहतर अवसर उपलब्ध कराने होंगे।
जादुंग व नेलांग में भूमि चिह्नीकरण के लिए कराया जाएगा संयुक्त निरीक्षण
दोनों गांवों को बेस कैंप बनाकर इस क्षेत्र के पर्यटन विकास की योजनाएं बनाई जाएंगी। इसके लिए सेना की स्थानीय यूनिट, वन विभाग और पर्यटन विभाग के अधिकारियों को इस क्षेत्र में संयुक्त निरीक्षण कर उपयुक्त ट्रैकरूट्स की तलाश कर इनके विकास की योजना प्रस्तुत करने को कहा गया। जादुंग व नेलांग में स्थानीय लोगों की भूमि के चिह्नीकरण के लिए संयुक्त निरीक्षण कराया जाएगा।
जादुंग में पहले चरण में 6 परिवारों के लिए होमस्टे निर्माण की स्वीकृति मिली
डीएम ने बताया कि जादुंग में पहले चरण में 6 परिवारों के लिए होमस्टे निर्माण की स्वीकृति मिल चुकी है। सन 1962 की स्थिति के अनुसार शेष अन्य 17 परिवारों के लिए भी अगले चरण में होमस्टे बनाए जाने पर पर्यटन विभाग के द्वारा सहमति व्यक्त की गई है। सैन्य आवश्यकताओं के साथ ही स्थानीय निवासियों के हितों व जरूरतों का पूरा ध्यान रख इन गांवों को विकसित करने की योजना बनाई जाएगी।
गांवों को आपस में रिंग रोड से जोड़ा जाना प्रस्तावित
वाइब्रेंट विलेज में पर्यटन विकास की प्रचुर संभावनाओं को साकार करने के लिए मुखवा, धराली, हर्षिल, बगोरी, झाला, जसपुर, पुराली और सुक्खी गांवों को आपस में रिंग रोड से जोड़ा जाना भी प्रस्तावित है। इसके लिए लोनिवि को प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं। इन गांवों से लगे गंगा तटों पर घाटों का निर्माण करने सहित अन्य अवस्थापना सुविधाएं विकसित करने के लिए भी प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं। हर्षिल में सैन्य क्षेत्र से हटकर बाईपास सड़क का निर्माण किए जाने का प्रस्ताव भी वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम में शामिल किया जाएगा।
‘नेलांग व जादुंग गांव की पुनर्स्थापना में सेना हरसंभव सहयोग करेगी‘
डीएम मेहरबान सिंह बिष्ट ने इन गांवों में शिक्षा व्यवस्था के सुदृढीकरण के साथ ही पर्यावरण संरक्षण और स्थानीय परिवहन के लिए बैटरी चालित वाहनों के उपयोग को प्रोत्साहित करने व फूलों एवं एरोमैटिक पौधों की खेती को भी बढावा दिए जाने की जरूरत बताई। राजपूताना राइफल्स के ले. कर्नल हर्षवर्धन ने कहा कि वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के क्रियान्वयन के साथ ही नेलांग एवं जादुंग गांव की पुनर्स्थापना में सेना हरसंभव सहयोग करेगी।
पुराने भवनों और मंदिरों का पुनरुद्धार होगा
उन्होंने बताया कि सेना के द्वारा जादुंग में कम्युनिटी हॉल निर्माण, पेयजल आपूर्ति की योजना के साथ ही नेलांग व जादुंग के लिए सात योजनाएं स्वीकृत की जा चुकी हैं। इसमें पुराने भवनों व मंदिरों का पुनरुद्धार, नीलापानी एवं नाला नंबर तीन के पास स्थानीय पशुपालकों के लिए चरवाहा झोपड़ी का निर्माण करने सहित स्थानीय युवाओं को पर्वतारोहण एवं साहसिक खेलों का प्रशिक्षण देने की योजनाएं शामिल हैं।
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केंद्र सरकार के पोर्टल पर अपलोड होंगे प्रस्ताव
वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के तहत प्रस्तावित कार्यों एवं विभागीय कार्ययोजनाओं को इस माह के अंत तक भारत सरकार के पोर्टल पर अपलोड किए जाने हैं। इस प्रोग्राम के अंतर्गत जिले में पूर्व से प्रस्तावित सभी प्रस्ताव पोर्टल पर अपलोड किए जा चुके हैं। इनके सापेक्ष केंद्र सरकार के स्तर से 657.27 लाख रुपये लागत की 14 योजनाएं अनुमोदित हो चुकी हैं। इनमें से विद्यालयों के अनुरक्षण व सुदृढ़ीकरण की 11 योजनाओं के लिए कुल 100.86 लाख रुपये और विद्युतीकरण की तीन योजनाओं के लिए 556.41 लाख रुपये की धनराशि सम्मिलित है।
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