Uttarakhand forest fire : देवभूमि में जंगल जल रहे हैं। पहाड़ों पर चारों ओर धुएं का गुबार है। जंगल-जंगल फैली आग ने सभी की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। सरकार से लेकर सेना तक पूरा सिस्टम मिलकर भी जंगल की आग को शांत नहीं कर पा रहा है। गढ़वाल से लेकर कुमाऊं तक जंगलों में आग की खौफनाक तस्वीरें लगातार सामने आ रही हैं। रविवार को 24 घंटे के भीतर जंगलों में आग लगने की 8 घटनाएं हुईं। उत्तराखंड में पिछले 30 दिनों में जंगलों में आग की 5 हजार 710 घटनाएं सामने आई हैं। आगजनी की अब तक हुईं घटनाओं से 735 हेक्टेयर से ज्यादा जंगल को नुकसान पहुंचा है। ये आंकड़े डराने वाले हैं। चिंताएं पैदा करने वाले हैं।
अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा द्वारा जारी की गई तस्वीरों में दिख रहे लाल डॉट जंगलों में लगी आग के बारे में बता रहे हैं। नासा के सैटेलाइट रिकॉर्ड बता रहे हैं कि उत्तराखंड में इस महीने जंगल में आग की 5710 घटनाएं हुईं हैं, जबकि पिछले साल अप्रैल में आग की घटनाएं 1046 थीं। यानी इस बार 5 गुना ज्यादा आग की घटनाएं हुईं। नासा की ये तस्वीरे उत्तराखंड के लोगों को ही नहीं सरकार को भी डरा रही हैं।
उत्तराखंड के सभी जिलों में मार्च और अप्रैल महीने में 2023 की तुलना में 2024 में आग की घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है। नैनीताल, चंपावत, अल्मोडा, गढ़वाल और पिथौरागढ़ सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्र हैं। जंगलों में लगी आग को लेकर सीएम धामी एक्शन में हैं। वे लगातार अधिकारियों के साथ बैठक कर जरूरी दिशा-निर्देश दे रहे हैं। जंगल में लगी आग को बुझाने के लिए सेना के हेलीकॉप्टर की मदद ली जा रही है तो वहीं अब सीएम ने जंगलों की आग बुझाने के लिए सेना की भी मदद मांगी है।
जंगल की आग का सबसे विकराल रूप नैनीताल में देखने को मिल रहा है। यहां पिछले पांच दिनों से भीषण आग लगी हुई है। यह आग जंगलों से निकलकर अब आबादी वाले क्षेत्रों तक पहुंचने लगी है, जिससे आम लोगों को दिक्कतें हो रही हैं। आग बुझाने के लिए वायु सेना के M-I 17 हेलीकॉप्टर ने पहले ही मोर्चा संभाल लिया है। शनिवार को सीएम ने जंगल की आग का हवाई सर्वेक्षण भी किया था। इस दौरान उन्होंने नैनीताल में आला अफसरों के साथ बैठक भी की थी।
पहाड़ों पर जंगलों में लगी आग पर काबू पाने के लिए 4500 से ज्यादा कर्मचारियों को तैनात किया गया है। नैनीताल में आग बुझाने में 590 कर्मचारी जुटे हैं। इनमें 250 वनकर्मी, 300 फायर फाइटर और NDRF के 40 जवान शामिल हैं। जंगलों की आग बुझाने के लिए NDRF के जवान ग्राउंड जीरो पर उतर चुके हैं। नैनीताल में NDRF की इस टुकड़ी ने मौके पर पहुंचकर मोर्चा संभाला है।
आपात स्थिति के चलते मुख्यमंत्री धामी ने वन विभाग के कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दी हैं। साथ ही लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों पर कार्रवाई के निर्देश दे दिये हैं। वहीं, विकराल होती जंगल की आग के बीच विपक्षी दलों ने सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। विपक्षी इसे सरकार की नाकामी करार दे रहे हैं। पूर्व सीएम हरीश रावत ने धामी सरकार पर निशाना साधा है।
नैनीताल के जंगलों में लगी आग का असर पर्यटन कारोबार पर भी पड़ रहा है। डर की वजह से पर्यटक अब होटलों से अपनी बुकिंग रद्द कराने लगे हैं. पिछले दो दिनों में ही 250 से ज्यादा पर्यटक अपने होटलों की बुकिंग रद्द करा चुके हैं। मई के लिए होटलों की 70 फीसदी बुकिंग हो चुकी है। बुकिंग के अचानक रद्द होने की वजह से होटल संचालक भी परेशान हैं। होटल और पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोगों को ये डर सता रहा है कि अगर आग पर जल्द काबू नहीं पाया गया तो इस साल टूरिस्ट सीजन के दौरान उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। वजह उत्तराखंड की वादियों में घुला जहरीला धुआं है, जो इतनी जल्दी छंटने वाला नहीं है।