Urja Sanchay Samagam: बागेश्वर धाम सरकार धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि भारत का लोकतंत्र सबको बोलने की आजादी देता है, जबकि अन्य देशों में बने कानून के कारण इस प्रकार की आजादी नहीं है। उन्होंने धर्म और राजनीति को एक सिक्के के दो पहलू बताया है। यह बातें शुक्रवार को धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने ऋषिकेश के परमार्थ निकेतन में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान कहीं।
पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि वह परमार्थ निकेतन में तीन दिवसीय प्रवास पर आए हैं। यहां ऊर्जा संचय समागम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में उन्होंने विचार किया कि अब पर्चा बनाने से देश का भला नहीं हो सकता। इसमें 600 से अधिक साधकों ने एक साथ बैठकर चिंतन किया। इसमें मनुष्य के अंदर आए विकारों की मुक्ति के लिए कार्य किया गया। इस कार्यक्रम में जर्मनी के विशेषज्ञ और नेपाल के साधक भी शामिल हुए। उन्होंने कहा कि इससे पहले वह बागेश्वर में ब्रेन डिटॉक्स पर कार्यशाला लगा चुके हैं। अब यहां दूसरी बार कार्यशाला लगाई गई है। इसमें धर्म की चर्चा होती है।
बागेश्वर धाम सरकार ने कहा कि भारतीय संस्कृति सबसे पुरातन संस्कृति है। इसके लिए हिंदू, मुस्लिम, ईसाई की आवश्यकता नहीं है। ब्रेन डिटॉक्स के माध्यम से देश के लोगों को भारतीय संस्कृति का ज्ञान दिया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इस पद्धति के माध्यम से अपने ईश्वर को प्राप्त किया जा सकता है। इसी पद्धति से देश में शांति लाई जा सकती है। उन्होंने कहा कि युवाओं को आज ऐसी साधना पद्धति की जरूरत है, जिससे वे अपने आप से, प्रकृति से, अपने पूर्वजों से और अपने मूल्यों से जुड़ सकें।
हालांकि, इस पद्धति पर बहुत से लोगों ने कार्य किया है, लेकिन हमने अपने गुरु के आशीर्वाद से इस पर कार्य प्रारंभ किया है। आज विज्ञान के जमाने में लोग मोबाइल पर बैठे रहते हैं, जिससे वह कई बीमारियों से घिर रहे हैं। इसके कारण उनका दिमाग कमजोर हो रहा है। इसका समाधान किए जाने के लिए ब्रेन डिटॉक्स आवश्यक है। इसी के माध्यम से मनुष्य के अंदर शांति लाई जा सकती है। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि वर्तमान समय में भारत की राजनीति दूसरी ओर जा रही है, जिसमें सुधार की आवश्यकता है।
यह भी पढ़ें : Kanwar Yatra 2024: बम-बम के नारों से गूंजी धर्मनगरी, चार दिन में पहुंचे 27 लाख कांवड़िए
उन्होंने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा चारों धामों को लेकर बनाए गए कानून पर मुख्यमंत्री का धन्यवाद करते हुए कहा कि अब इस कानून के बाद भारत में कहीं भी चारधाम के नाम से कोई मंदिर नहीं बन सकता। कहा कि कुछ लोग आज भी इसे लेकर राजनीतिक कर रहे हैं, जोकि उचित नहीं है। उनका कहना था कि भारत के लोकतंत्र में सबको बोलने की आजादी है, लेकिन अन्य देशों में ऐसा नहीं है। इस अवसर पर परमार्थ निकेतन के स्वामी चिदानंद मुनि भी उपस्थित थे।
यह भी पढ़ें : भारी बारिश से बाल गंगा नदी उफान पर, लोगों को सुरक्षित स्थान पर किया गया शिफ्ट