Ulkhagadi Temple Fire : पौड़ी जिले के प्रसिद्ध उल्खागड़ी मंदिर में असमाजिक तत्वों ने मूर्ति को खंडित कर दिया और परिसर में आग लगा दी। इससे मंदिर का सामान जल गया। घटना पौड़ी के डीएम आशीष चौहान के संज्ञान में आने के बाद क्षेत्र की एसडीएम और पटवारी से घटना की जांच रिपोर्ट मांगी गई है। साथ ही यह कृत्य करने वाले असमाजिक तत्वों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने और सख्त कार्रवाई के निर्देश भी दिए गए हैं। वहीं, राजस्व विभाग की टीम अब घटना की तफ्तीश में जुट गई है।
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दरअसल, उल्खागड़ी मंदिर घने जंगल के बीच सड़क मार्ग से हटकर 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां पैदल ही पहुंचा जा जाता है। मंदिर घने जंगल में स्थित होने के कारण इन दिनों कुछ ही श्रद्धालु मंदिर पहुंचते हैं। इसी का फायदा उठाकर किसी अज्ञात शख्स ने मूर्ति को खंडित कर दिया और मंदिर के अधिकतर सामान को भी जलाकर खाक कर दिया। मंदिर में हुई इस घटिया और नापाक हरकत के लोग बेहद नाराज हैं। लोग इसे धार्मिक आस्था पर सीधी चोट मान रहे हैं। वहीं. पुलिस और जिला प्रशासन भी मामले को लेकर गंभीर है। मामला संज्ञान में आने के बाद डीएम डॉ. आशीष चौहान ने जांच के आदेश दिए है। उन्होंने SDM और पटवारी से घटना की जांच रिपोर्ट मांगी है। डीएम के आदेश के बाद टीम बनाकर मामले की जांच शुरू कर दी गई है।
पौड़ी में जहां असमाजिक तत्वों ने मंदिर को निशाना बनाया तो वहीं बदरीनाथ हाईवे पर हनुमान मंदिर तोड़े जाने को लेकर साधु-संत भड़क उठे हैं। यहां प्रशासन की तरफ से जलेश्वर महादेव मंदिर के सामने हनुमान मंदिर तोड़े जाने की कार्रवाई की गई है। इसको लेकर संत समाज ने सड़कों पर उतरकर भारी विरोध जताया। संतों ने स्थानीय प्रशासन और नेशनल हाईवे अथॉरिटी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया और प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इतना ही नहीं साधु-संतों ने मंदिर निर्माण नहीं होने पर आत्मदाह की चेतावनी तक दे दी है।
कहीं शरारती तत्वों ने मंदिर में आग लगा दी तो कहीं प्रशासन ने अतिक्रमण बताकर मंदिर को धराशायी कर दिया। दोनों ही मामलों को लेकर संत समाज गुस्से में है। संतों का आरोप है कि हिंदुओं की धार्मिक आस्था को ठेस पहुंचाई जा रही है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हालांकि, पौड़ी के उल्खागड़ी मंदिर में हुए उपद्रव को लेकर प्रशासन एक्शन मोड में है। मामले की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दे दिये गए हैं। डीएम ने जता दिया है किसी मंदिर को आंच पहुंचाने वाले को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।
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