ज्ञानवापी मामले में मुस्लिम पक्ष की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट आज सुनवाई करेगा। इस याचिका में मस्जिद के व्या जी के तहखाने में पूजा पर रोक लगाने की मांग की गई है। सुप्रीम कोर्ट में याचिका अंजुमन इंतजामिया मसाजिद ने द्वारा दायर की है, ये याचिका 26 फरवरी के हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए दायर की गई है।
बता दें, बीती 31 फरवरी को वाराणसी की अदालत ने अपने आदेश में हिंदू पक्ष को ज्ञानवापी परिसर में स्थित व्यास जी के तहखाने में पूजा करने की अनुमति दी थी। वाराणसी के अदालत के इस फैसले के खिलाफ अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी ने हाईकोर्ट में चुनौती दी। हाईकोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर दिया। इसके बाद हाईकोर्ट के उस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर दी गई, जिसकी आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है।
क्या था पूरा मामला
वाराणसी में स्थित ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में व्यास जी के तहखाने में हिंदू मूर्तियों और शिवलिंग की उपस्थिति को लेकर एक कानूनी विवाद है। यह मामला अप्रैल 2022 में शुरू हुआ था। जब पांच महिलाओं ने वाराणसी की एक अदालत में याचिका दायर कर मस्जिद परिसर में नियमित रूप से पूजा करने की अनुमति मांगी थी।
हिंदू पक्ष मस्जिद परिसर में शिवलिंग, नंदी और अन्य हिंदू मूर्तियों की उपस्थिति का दावा करता है। मस्जिद का निर्माण 16वीं शताब्दी में एक हिंदू मंदिर को तोड़कर बनाया था।
मुस्लिम पक्ष कहता है कि मस्जिद को 16वीं शताब्दी में मुगल सम्राट औरंगजेब द्वारा बनाया था। मुस्लिम पक्ष मस्जिद परिसर में किसी भी हिंदू मूर्ति या शिवलिंग की उपस्थिति ना होने का दावा करता है।
वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद पर कब कब हुई है सुनवाई
अप्रैल 2022: पांच महिलाओं ने वाराणसी की एक अदालत में याचिका दायर कर मस्जिद परिसर में नियमित रूप से पूजा करने की अनुमति मांगी।
मई 2022: अदालत ने मस्जिद परिसर का सर्वेक्षण करने का आदेश दिया।
जून 2022: सर्वेक्षण के दौरान, हिंदू पक्ष ने दावा किया कि उन्हें मस्जिद परिसर में शिवलिंग और अन्य हिंदू मूर्तियां मिली हैं।
जुलाई 2022: मुस्लिम पक्ष ने सर्वेक्षण रिपोर्ट को चुनौती दी।
अगस्त 2022: अदालत ने मस्जिद परिसर में वीडियोग्राफी का आदेश दिया।
सितंबर 2022: वीडियोग्राफी रिपोर्ट को अदालत में पेश किया गया।
अक्टूबर 2022: अदालत ने मस्जिद परिसर के एक हिस्से को सील करने का आदेश दिया।
नवंबर 2022: अदालत ने मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज कर दी, जिसमें उन्होंने मस्जिद परिसर के सील किए गए हिस्से को खोलने की मांग की थी।