medha patkar Defamation Case : दिल्ली की साकेत कोर्ट ने सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटेकर को सजा सुनाई है। पाटेकर को यह सजा 5 महीने की सुनाई गई है। साथ ही 10 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। दिल्ली के एलजी विनय कुमार सक्सेना ने 2001 में सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटेकर के खिलाफ मानहानि का केस दायर कराया था। साकेत कोर्ट ने सोमवार को मेधा पाटेकर को आरोपी करार दिया और इसके बाद सजा सुनाई।
Delhi's Saket court sentenced Narmada Bachao Andolan activist Medha Patkar to 5 months simple imprisonment, in a defamation case filed by then KVIC Chairman V K Saxena (now Delhi LG).
— ANI (@ANI) July 1, 2024
The court has also directed Medha Patkar to pay a compensation of Rs. 10 lakh to V K Saxena
बत दें, मेधा पाटेकर की ओर से उम्र का हवाला देते हुए जमानत याचिका दायर की गई थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया है। हालांकि, कोर्ट ने मेधा पाटेकर की सजा 30 दिन के लिए स्थगित की है।
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सजा मिलने पर मेधा पाटकर ने क्या कहा?
अदालत के आदेश पर प्रतिक्रिया देते हुए पाटकर ने कहा, “सत्य कभी पराजित नहीं हो सकता। हमने किसी को बदनाम करने की कोशिश नहीं की, हम केवल अपना काम करते हैं। हम अदालत के फैसले को चुनौती देंगे।
Delhi's Saket court sentenced Narmada Bachao Andolan activist Medha Patkar to 5 months simple imprisonment, in a defamation case filed by then KVIC Chairman V K Saxena (now Delhi LG).
— ANI (@ANI) July 1, 2024
The court has also directed Medha Patkar to pay a compensation of Rs. 10 lakh to V K Saxena
ये था पूरा मामला
साल 2003 सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर ‘नर्मदा बचाओ आंदोलन’ को लेकर सक्रिय थीं। उसी वक्त वी के सक्सेना नेशनल काउंसिल फॉर सिविल लिबर्टीज में एक्टिव थे। उन्होंने उस वक्त मेधा पाटकर की आंदोलन का तीखा विरोध किया था। मानहानि का पहला मामला इसी से जुड़ा हुआ है। मेधा पाटकर ने अपने और नर्मदा बचाओ आंदोलन के खिलाफ विज्ञापन को लेकर वी के सक्सेना के खिलाफ मानहानि केस किया था। वहीं सक्सेना ने अपमानजनक बयानबाजी करने के लेकर मेधा पाटकर पर मानहानि के दो केस दर्ज कराए थे।
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नहीं चाहिए मुआवजा- वीके सक्सेना
वीके सक्सेना के वकील ने कहा कि उन्हें कोई मुआवजा नहीं चाहिए। वे इसे दिल्ली राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (डीएलएसए) को देंगे। कोर्ट ने कहा कि शिकायतकर्ता को मुआवजा दिया जाएगा। फिर आप अपनी मर्जी से इसका निपटान कर सकते हैं।
Delhi's Saket court has suspended the sentence for 30 days to allow Narmada Bachao Andolan activist Medha Patkar to challenge the judgement
— ANI (@ANI) July 1, 2024