केदारनाथ धाम की यात्रा को सुगम एवं सुव्यवस्थित ढंग से संचालित करने के लिए जिला प्रशासन मुश्तैदी से जुटा हुआ है। डीडीएमए द्वारा केदारनाथ यात्रा मार्ग से बर्फ हटाने का कार्य तत्परता से किया जा रहा है। केदारनाथ धाम हेलीपैड़ तक मार्ग से 3 फीट बर्फ हटाने का कार्य हो गया है। अधिशासी अभियंता डीडीएमए विनय झिंक्वाण ने बताया कि जिलाधिकारी के निर्देशन में केदारनाथ यात्रा मार्ग से बर्फ हटाने का काम 4 मार्च से ही शुरू कर दिया गया था। इसमें बर्फ हटाने के लिए लगभग 95 श्रमिक तैनात किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि रामबाड़ा से छोटी लिनचोली, बड़ी लिनचोली, भैरों ग्लेशियर, कुबेर ग्लेशियर आदि स्थानों से 50 से 80 फीट तक की लंबाई एवं 10 से 12 फीट की ऊंचाई तक श्रमिकों द्वारा कठिन परिस्थितियों में बर्फ हटाने का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि बर्फ को हटाने का कार्य हेलीपैड़ के पास तक किया गया है। दो से तीन के अंदर केदारनाथ धाम तक बर्फ हटाने का कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा। केदारनाथ धाम में घोड़े-खच्चरों सहित आवागमन सुचारू हो जाएगा।
वहीं, बदरीनाथ धाम में यात्रा व मास्टर प्लान निर्माण को शुरू करने को लेकर अपर जिलाधिकारी विवेक प्रकाश सहित अन्य अधिकारियों ने बदरीनाथ धाम का निरीक्षण किया। इस दौरान धाम में तेजी से पिघल रही बर्फ से मास्टर प्लान के कार्य को तत्काल शुरू करने के निर्देश दिए गए। साथ ही मंदिर पैदल यात्रा मार्ग, दर्शन लाइन के साथ-साथ वीआईपी मार्ग व्यवस्थाओं को लेकर भी चर्चा हुई।
जोशीमठ का निरीक्षण कर अधिकारियों के साथ बैठक कर एडीएम ने कहा कि मंदिर समिति, जल संस्थान, नगर पंचायत, ऊर्जा निगम के साथ सभी विभाग यात्रा व्यवस्थाओं को लेकर खाका तैयार कर तत्काल कार्यों में जुट जाएं। बताया गया कि धाम में तेजी से बर्फ पिघल रही है। मंदिर के आस-पास अब नाममात्र की बर्फ रह गई है। बताया कि महायोजना के निर्माण कार्य को शुरू करने के लिए 50 मजदूर भी बदरीनाथ धाम पहुंच चुके हैं। प्रधानमंत्री ड्रीम प्रोजेक्ट के कार्य में 400 से अधिक मजदूर कार्य में जुटने हैं।