Shankaracharya Swami Avimukteshwaranand : गौ माता को राष्ट्रीय माता का दर्जा दिलाने के लिए ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद लगातार अभियान चला रहे हैं। हरिद्वार शंकराचार्य मठ में शुक्रवार को 36 प्रदेशों के गौ सेवक जुटे और गौ माता को राष्ट्रीय माता का दर्जा दिलाने के लिए चर्चा की। शंकराचार्य ने बताया कि वे आगामी 2 अगस्त से 6 अगस्त तक दिल्ली में गौ संसद का आयोजन करने जा रहे है। इसमें गौ सांसदों को शपथ दिलाई जाएगी। उन्होंने कहा कि उनका सरकार से आग्रह है कि वे गौ माता को पशु सूची से हटाकर उसे राष्ट्रीय माता का दर्जा देकर पहला काम करे।
शंकराचार्य स्वामी अभिमुक्तेश्वरानंद ने जोशीमठ का नाम ज्योर्तिमठ होने पर खुशी व्यक्त की। कहा कि अब ज्योर्तिमठ अपने शुद्ध नाम में विद्यमान है। उन्होंने इसके लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को साधुवाद दिया। साथ ही शंकरचार्य स्वामी स्वरूपानंद की जॉली ग्रांट हवाई अड्डे का नाम आदि गुरु शंकराचार्य के नाम पर करने की मांग को भी दोहराया। उन्होंने कहा कि ऐसा करने से उत्तराखंड और देश के लोगों को पत चल सकेगा कि आदि शंकराचार्य का उत्त्तराखंड में क्या योगदान है।
उन्होंने जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों द्वारा तीर्थयात्रियों की बस पर की गई गोलीबारी और लगातार हो रही आतंकी घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने के बाद अब वहां पर हमारी गौ माता की भी हत्या होने लगी है, जबकि 370 के तहत वहां पर गौ हत्या नहीं होती थी। उन्होंने ऐसे में अमरनाथ यात्रा के लिए सरकार से और वहां के शांतिप्रिय लोगों से प्रयास करने की अपील की। स्वामी अभिमुक्तेश्वरानंद शनिवार से 18 दिवसीय चमोली मंगलम यात्रा के लिए रवाना हो रहे हैं। वह चमोली में स्थापित विभिन्न धर्म स्थलों में जाकर उनको उनके महत्व को लोगों तक पहुंचाने का कार्य करेंगे।
शंकराचार्य स्वामी अभिमुक्तेश्वरानंद ने आज हरिद्वार में 36 प्रदेशों के गौ प्रमुखों की बैठक करके आगामी दो अगस्त से दिल्ली में गौ सांसद करने का निर्णय लिया। इसमें 543 संसदीय क्षेत्र के सांसदों को शपथ दिलाई जाएगी। वे मीडिया से बात कर रहे थे। अभिमुक्तेश्वरानंद का कहना है कि गौ संसद दिल्ली में होगी। यहां पर भारत के जो 36 प्रदेश के गौ प्रमुखों की बैठक हरिद्वार में शंकराचार्य मठ में हुई। यह निर्णय लिया गया कि गौ संसद के इस सत्र के लिए मनोनीत किए गए 543 संसदीय क्षेत्र के जो सांसद हैं, उनके शपथ ग्रहण समारोह और उनका प्रथम गौ सत्र आगामी 2 अगस्त से 6 अगस्त तक आयोजित किया जाएगा। उसी के संबंध में क्या-क्या तैयारी की जाए, उसकी चर्चा के लिए बैठक की गई थी।
जॉली ग्रांट हवाई अड्डे का नाम आदि गुरु शंकराचार्य के नाम पर किए जाने की मांग को लेकर उनका कहना है कि हम लोगों ने बहुत पहले से यह मांग रखी है कि भगवान शंकराचार्य इस देश के अवतारी पुरुष माने गए हैं। उन्होंने सनातन धर्म को और देश को एकजुट करने में अपना बहुत बड़ा योगदान दिया है। उन शंकराचार्य जी का आशीर्वाद दक्षिण भारत में है, लेकिन उन्होंने अपनी समाधि इसी भूमि में ली और यहां के चार धाम जिसके लिए उत्तराखंड प्रसिद्ध है, उनका उद्धार उन्होंने ही किया। उन्हीं के शिष्यों ने गांव-गांव जाकर यहां का महत्व बताया, जिससे यहां पर अनियंत्रित श्रद्धालु दर्शन के लिए आ रहे हैं।
स्वामी अभिमुक्तेश्वरानंद का कहना है कि पहले से हमारी इच्छा है कि हम उत्तराखंड के गांव-गांव जाएं। केवल चारधाम में नहीं, बल्कि उत्तराखंड में अलग-अलग स्थान, अलग-अलग धर्मस्थल विद्यमान हैं, उनको सार्वजनिक करने के लिए अलग-अलग प्रोग्राम बनाया है। उन्होंने कहा कि 18 दिन की हमारी चमोली मंगलम यात्रा है। कहा कि जैसे जोशीमठ ज्योर्तिमठ था, ऐसे ही चमोली जिले का असल में नाम चंद्रमौली है। हमारे यहां चंद्रमौली भगवान की पूजा होती है। यह भगवान शंकराचार्य का क्षेत्र है और वहां पर उनकी आध्यात्मिक उपस्थिति को महसूस करने के लिए कई वर्षों के बाद यह मौका मिला है। उन्होंने कहा कि वह वहां के ज्यादा से ज्यादा गांव तक जाएंगे।