सोमवार को देहरादून में धमाके की आवाज से पूरे शहर के लोग सहम गए। धमाका इतना तेज था कि कई जगह इमारतें हिल गईं और यहां तक कि खिड़कियों के शीशे भी चटक गए। धमाका कितना तेज था, इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि वाडिया इंस्टीट्यूट ने रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 1.5 आंकी है। क्या है इस धमाके का राज। देखिये इस रिपोर्ट में।
देहरादून की वादियों में सोमवार को धमाके की गूंज से हाहाकार मच गया था। करीब 10 किलोमीटर के क्षेत्र तक तेज धमाके की आवाज से पूरा शहर सहम गया था। पब्लिक परेशान थी और प्रशासन हैरान था। क्योंकि, देहरादून में न तो कोई विस्फोट हुआ था और ना ही आसमान में कोई हरकत हुई थी। बावजूद इसके धमाका इतना तेज था कि धरती कांप उठी। लोगों के घरों के दरवाजे व खिड़कियां हिल गईं। धमाके को लेकर पुलिस कंट्रोल रूम के फोन घनघनाने लगे। हर तरफ से धमाके की ही शिकायत आ रही थी। पुलिस ने जब जांच की तो पता चला कि धमाके की आवाज आसमान से आई थी। इस खुलासे से पुलिस भी हैरत में पड़ गई।
इस रहस्यमयी आवाज को लेकर अब वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्थान ने बड़ा खुलासा किया है। वाडिया इंस्टीट्यूट की रिसर्च में पता चला है कि ये धमाका देहरादून के आसमान में सुपरसोनिक विमान के गुजरने से हुआ था। बताया जा रहा है कि ये आवाज सुपरसोनिक बूम के चलते आई थी। इसके चलते धरती के भीतर भूकंप भी आया था। वाडिया इंस्टीट्यूट में लगी सिस्मोग्राफ मशीन में धमाके की आवाज को रिकॉर्ड किया गया है। संस्थान के वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि इतनी तेज आवाज वाडिया के सिस्मोग्राफ में अब तक रिकॉर्ड नहीं की गई थी। पुलिस की जांच में पता चला है कि जिस दिन ये रहस्यमयी आवाज सुनाई दी, उस दिन वायुसेना का अभ्यास चल रहा था। आसमान में तेज रफ्तार से सुपरसोनिक विमान के गुजरने से ये आवाज आई, जिससे रिएक्टर स्केल पर 1.5 की तीव्रता वाला भूकंप भी महसूस किया गया।
वैज्ञानिक नरेश कुमार के मुताबिक, धमाकों जैसी आवाज का भूकंप से सीधा संबंध है। भूकंप आने पर धरती के कई किमी. नीचे ऐसी आवाजें होती हैं। हालांकि, ये आवाजें ऊपर नहीं आ पातीं, लेकिन इनके वाइब्रेशंस से कंपन होता है। ऐसे में भूकंप ना आए, तब भी धरती तेज धमाके पर भी हिल जाती है। सोमवार को भी देहरादून में आवाज से भी तेज रफ्तार से विमान गुजरने के चलते सुपरसोनिक बूम बना, जिससे विस्फोट जैसी तेज आवाजें आईं। इसी धमाके से धरती पर वाइब्रेशंस महसूस किया गया।
जानकारी के लिए ये भी बता दें कि जब किसी चीज की रफ्तार ध्वनि की रफ्तार से ज्यादा होती है तो उसे सुपरसोनिक रफ्तार कहते हैं। फाइटर जेट की स्पीड अधिक होती है और ये विमान हवा में चलते समय साउंड वेव पैदा करते हैं। जब ये विमान ध्वनि की गति से अधिक तेज चलते हैं, तो फिर धमाके जैसी आवाज आती है। इसी आवाज को सुपरसोनिक बूम कहा जाता है। ये आवाज इतनी तेज होती है कि कई किलोमीटर दूर तक सुना जा सकता है। हालांकि, ये पहली बार नहीं है, जब बिना किसी विस्फोट के आसमान से तेज धमाके की आवाज आई हो। इससे पहले भी बेंगलुरु में ऐसी ही धमाके की आवाज सुनी गई थी। तब भी लोग सहम गए थे। बाद में पता चला कि ये सुपरसोनिक बूम था। हालांकि चौकाने वाली बात ये है कि अभी तक आधिकारिक तौर पर न तो सेना और न ही प्रशासन ने ये पुष्टि की है कि सुपरसोनिक बूम के चलते धमाके की आवाज आई थी।