पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक मसूरी पहुंचे। निशंक ने पद्मश्री व पद्मभूषण रस्किन बॉन्ड से उनके घर जाकर मुलाकात की। इस मौके पर उन्होंने साहित्य से जुड़े कई बिंदुओं पर उनसे लंबी चर्चा की। वहीं, उन्होंने हिमालय में लेखक गांव के निर्माण को लेकर भी रस्किन बॉन्ड का सहयोग मांगा। इस पर उन्होंने अपनी सहमति दी। निशंक ने कहा कि निकट भविष्य में हिमालय में लेखक गांव की परिकल्पना की जा रही है। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के लेखकों के प्रति सम्मान दिए जाने के सपनों को सरकार किया जा रहा है।
रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि लेखकों को एक साथ जोड़कर उनकी रचना धर्मिता को पूरी दुनिया के सामने रखा जाए और समाज के उपयोग में लाया जा सके। इसको लेकर लेखक गांव का निर्माण कराया जा रहा है, जिसको लेकर वह प्रदेश भर के लेखकों से मुलाकात कर उनके सुझाव ले रहे हैं। लेखक गांव के निर्माण में लेखनी के माध्यम से उनका सहयोग भी मांग रहे हैं।
उन्होंने कहा कि रस्किन बॉन्ड ने अपनी लेखनी के माध्यम से पूरे उत्तराखंड और देश का नाम पूरे विश्व में गौरवान्वित किया है। कहा कि लेखक गांव में विशेष करके उन लेखकों जिन्होंने पूरा जीवन सृजन में समर्पित कर दिया, परंतु वह अपने जीवन के अंतिम चरण में महसूस करते हैं कि वह अकेले हैं। ऐसे में वह अपने अंतिम चरण में लेखक गांव में रहकर अपनी क्षमता और रचना धर्मिता का उपयोग कर सकें। उन्होंने बताया कि हिमालय लेखक गांव में म्यूजियम के साथ लेखक कुटीर का निर्माण किया जाएगा।
रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि देश और दुनिया से आने वाले श्रेष्ठ लेखक हिमालय की संस्कृति, पर्यावरण, प्रकृति आदि पर लेखन करेंगे। उन्होंने कहा कि आज के युवा लेखकों को भी लेखक गांव से जोड़ने का प्रयास किया जाएगा, जिससे वह भी अपने अनुभव में लेखक गांव के निर्माण में सहयोग कर सकें। उन्होंने कहा कि भारत आयुर्वेद, योग प्राण उपनिषदों का जन्मदाता है। इस सब पर वह लेखक लिखें, जिससे देश और दुनिया के कल्याण के लिए उसका प्रयोग किया जा सके।