भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की कल यानी मंगलवार को पुण्यतिथि है। राजीव गांधी को हत्या को लेकर कई चर्चाए हैं। उनकी मौत को लेकर भी कई सवाल उठे थे। उनकी हत्या के पीछे किसकी साजिश थी? क्या उनकी मौत के पीछे खुफिया तंत्र की कोई कमी थी? ऐसे ही और भी कई सवाल हैं। राजीव गांधी की मौत तमिलनाडु में प्रचार के दौरान 1991 में एक बम विस्फोट में हुई थी। दिल्ली में उनकी समाधि वीर भूमि पर हर साल उनका परिवार, कांग्रेस और विपक्ष के वरिष्ठ नेता उनको श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। कल यानी 21 मई को राजीव गांधी की 34वीं पुण्यतिथि मनाई जाएगी। राजीव गांधी सबसे कम उम्र में प्रधानमंत्री बने थे। जानिए पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की पूरी कहानी…
जानिए कैसे हुई राजनीति की शुरुआत
बताते हैं कि राजीव गांधी की राजनीति में कोई रुचि नहीं थी। उन्होंने दिल्ली फ्लाइंग क्लब की प्रवेश परीक्षा पास करने के बाद वाणिज्यिक पायलट का लाइसेंस प्राप्त किया। इसके बाद वे घरेलू राष्ट्रीय जहाज कंपनी इंडियन एयरलाइंस के पायलट बन गए। 1880 में राजीव गांधी के छोटे भाई संजय गांधी की एक हवाई जहाज दुर्घटना में मौत हो गई थी। इसके बाद अपनी मां इंदिरा गांधी को सहयोग देने के लिए राजीव गांधी सन् 1981 में राजनीति में आ गए।
इंदिरा गांधी की हत्या के बाद बने प्रधानमंत्री
राजीव गांधी पहली बार अमेठी से लोकसभा का चुनाव जीते थे। 31 अक्टूबर 1984 को प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की उनके ही अंग रक्षकों ने पीएम हाउस में ही हत्या कर दी थी। इसके बाद राजीव गांधी को प्रधानमंत्री बनाया गया। राजीव गांधी 40 साल की उम्र में प्रधानमंत्री बने थे। सबसे कम उम्र में प्रधानमंत्री बनने वाले राजीव गांधी पहले शख्स थे। राजीव गांधी ने आम चुनावों में इंदिरा गांधी की मौत के कारण देश भर में उनको सहानुभूति मिली। इसका प्रभाव यह हुआ कि कांग्रेस को 514 सीटों में से 404 सीटें मिली थीं।
बोफोर्स कांड में राजीव गांधी का आया था नाम
राजीव गांधी का नाम बोफोर्स सौदे में भी आया था, क्योंकि जब यह सौदा हुआ था, तब प्रधानमंत्री राजीव गांधी ही थे। भारत सरकार और स्वीडन की हथियार निर्माता कंपनी एबी बोपोर्स के बीच 24 मार्च 1986 को 1437 करोड़ रुपये का सौदा हुआ था। यह सौदा भारतीय थल सेना को 155 एमएम की 400 होवित्जर तोप की सप्लाई के लिए किया गया था। इस सौदे के बाद भारतीय राजनीति में भूचाल आ गया था। आरोप लगाया गया था कि राजीव गांधी परिवार के नजदीकी कहे जाने वाले इतालवी व्यापारी ओत्तावियो क्वात्रोक्की ने इस सौदे में बिचौलिये की भूमिका निभाई थी।
कैसे हुई थी राजीव गांधी की हत्या
राजीव गांधी की हत्या 33 साल पहले 21 मई को तमिलनाडु के श्रीपेरंबुदूर में की गई थी। आतंकी संगठन लिट्टे की एक महिला ने राजीव गांधी की हत्या की थी। राजीव गांधी की जब हत्या हुई, तब उनकी उम्र 46 साल थी। श्रीपेरंबुदूर में एक चुनावी रैली के दौरान महिला ने राजीव गांधी के पैर छुए और उसके बाद छिपाकर लाई आरडीएक्स से विस्फोट कर दिया। हत्या करने वाले की पहचान श्रीलंका के जाफना के थेनमोझी राजरत्नम उर्फ धनु के रूप में हुई। ऐसा कहा जाता है कि राजीव गांधी के हत्यारे उनके कट्टर दुश्मन लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (एलटीटीई) हैं, जो एक हिंसक गुरिल्ला समूह है। यह समूह श्रीलंका में तमिलों के लिए एक अलग मातृभूमि की मांग कर रहा है।
राजीव गांधी का जन्म और पढ़ाई
राजीव गांधी का जन्म 20 अगस्त 1944 को बॉम्बे में हुआ था। राजीव गांधी इंदिरा गांधी और फिरोज के बड़े बेटे थे। राजीव की सोनिया गांधी से पहली मुलाकात कैम्ब्रिज में पढ़ने के दौरान हुई थी। राजीव की सोनिया से शादी 1968 में हुई थी। शादी के बाद सोनिया गांधी इटली से भारत आ गईं। राजीव गांधी के जन्मदिन यानी 20 अगस्त को सद्भावना दिवस के रूप में मनाया जाता है। राजीव गांधी को संगीत का भी शौक था।
राजीव गांधी की शुरुआती पढ़ाई देहरादून में हुई। वह सबसे पहले देहरादून के वेल्हम प्रेप में पढ़े। इसके बाद दून कॉलेज चले गए। इसके बाद वे पढ़ने के लिए गांधी ट्रिनिटी कॉलेज और कैम्ब्रिज कॉलेज गए। फिर वे लंदन के इंपीरियल कॉलेज पढ़ने के लिए चले गए। उन्होंने मैकेनिकल इंजीनियरिंग का कोर्स किया।