Share Trading Fraud: अगर आप भी शेयर ट्रेडिंग के जरिए पैसा कमाना चाहते हैं तो जरा सावधान हो जाए, क्योंकि कहीं पैसा कमाने के चक्कर में आपके साथ कोई फ्रॉड न हो जाए। कुछ ऐसा ही मामला यूपी के गाजियाबाद से सामने आया है। यहां गाजियाबाद क्राइम ब्रांच ने शेयर ट्रेडिंग के जरिए मोटा मुनाफा कमाने का लालच देकर लोगों से ठगी करने वाले एक गिरोह का भंड़ाफोड़ करते हुए तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। साथ ही मौके से 5 मोबाइल, 4 चेक बुक, 3 एटीएम, 1 पैन कार्ड, 1 आधार कार्ड, 1 वोटर कार्ड और 1 मुहर बरामद की।
क्राइम ब्रांच गाजियाबाद के एडीसीपी सच्चिदानंद ने कहा कि पीड़ित कुशल पाल ने 23 अप्रैल को 70 लाख रुपये के साइबर फ्रॉड का केस दर्ज कराया था, जिसके बाद पुलिस ने कार्रवाई शुरू कर दी। पुलिस ने इस मामले से जुड़े 10 खातों की जांच की, जिसमें 29 लाख 57 हजार रुपये जब्त किए हैं। वहीं, एक अकाउंट में 6.5 करोड़ की ट्रांजेक्शन सामने आई है।
गिरफ्तार व्यक्तियों की पहचान मथुरा के रवि शर्मा, सुशील शर्मा और देहरादून के भानु राघव के रूप में की गई है। चारों एक प्रतिशत कमीशन के लालच में फर्जी अकाउंट खुलवाकर फर्जी फर्म बनाकर बाहर विदेश में बैठे अपने आकाओं को मुहैया कराते थे।
विदेश में बैठे आकाओं को कराते थे मुहैया
धोखाधड़ी की ट्रांजेक्शन इन्हीं खातों पर होती थी और ट्रांजेक्शन की ओटीपी विदेश में बैठे फ्रॉडस्टर को भेजा जाता था। ओटीपी भेजने के लिए एक ओटीपी फॉरवर्ड ऐप का इस्तेमाल किया जा रहा था। ऐप के माध्यम से ओटीपी को विदेश में इंटरनेट के माध्यम से भेजा जाता था। इस घटना में मनोज कुमार ने फर्जी फॉर्म बनाकर पंजाब नेशनल बैंक की शाखा देहरादून में करंट अकाउंट खुलवाया था। वहीं, धोखाधड़ी से पैसे हड़पने का काम करता था। इसी अकाउंट में साढ़े 6 करोड़ रुपये का ट्रांजेक्शन हुआ। जानकारी के मुताबिक, पुलिस ने इस खाते के 52 लाख रुपये फ्रीज किए हैं।
ऐसे बनाते थे निवेशकों को शिकार
शातिर ठग उन लोगों को अपना शिकार बनाते थे, जो शेयर ट्रेडिंग करते और इसे सीखने की इच्छा रखते थे। बाद में इन लोगों को अलग-अलग वाट्सएप ग्रुप में जोड़ते थे। फिर शेयर ट्रेडिंग के टिप्स, नामचीन शेयर ब्रोकरों के नाम की फर्जी आईडी लोगों को देते थे। लोगों का भरोसा जीतने के बाद गूगल प्ले स्टोर और एप्पल स्टोर जैसे भरोसे मंद डिजिटल माध्यमों से पहले अपना एप डाउनलोड कराते थे और फिर लोगों से शेयर ट्रेडिंग के नाम पर लाखो रुपये की रकम जमा करा लेते थे। फर्जी एप पर शेयर ट्रेडिंग की जमा रकम में लाखों का मुनाफा भी दिखाया जाता था, जिससे लोगों को लगता था कि वो फायदे में हैं। लोगों को जब ठगी का पता चला तो वो अपनी रकम को निकालना चाहते थे, लेकिन रकम विड्रॉल नहीं होती थी।