उखीमठ में श्री केदारनाथ के परम शैव सुमधुर आवाज के धनी पूज्य गुरुदेव मृत्युंजय हीरेमठ का शुक्रवार को हृदयाघात के कारण आकस्मिक निधन हो गया था। आज उन्हें मंदाकिनी तट पर समाधी दी गई। वहीं, श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) में शोक की लहर है। 31 वर्षीय मृत्युंजय हीरेमठ के निधन से क्षेत्र में शोक का माहौल है। धार्मिक, सामाजिक और राजनीतिक क्षेत्र से जुड़े लोगों के अलावा देश-विदेश के भक्तों ने उनके निधन को अपूरणीय क्षति बताया है।
दक्षिण भारत के जंगम शैव समुदाय से ताल्लुक रखने वाले मृत्युंजय हीरेमठ ने शादी नहीं की थी। उनका परिवार अब स्थायी रूप से उखीमठ में ही रहता है। हीरेमठ के पिता गुरुलिंग भी केदारनाथ धाम के पुजारी थे। हीरेमठ के बड़े भाई शिवशंकर लिंग मंदिर समिति केदारनाथ प्रतिष्ठान में पुजारी हैं।
मृत्युंजय हीरेमठ शिव स्त्रोतम् सहित भगवान शिव के भजनों को लयवद्ध गाते थे। केदारनाथ मंदिर परिसर से भगवान शिव से संबंधित गाए श्लोक के वीडियो लोगों को काफी पसंद आते थे। बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति ने मृत्युंजय हीरेमठ के निधन पर शोक जताया है। बीकेटीसी पदाधिकारियों और अधिकारियों ने हीरेमठ के निधन पर दुख जताया है। परिजनों को सांत्वना दी। समिति के पदाधिकारियों ने प्रार्थना की कि भगवान केदारनाथ हीरेमठ को अपने चरणों में स्थान दें।
बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने बताया कि मृत्युंजय हीरेमठ केदारनाथ धाम में वेदपाठी का कार्य देख रहे थे। हीरेमठ अक्सर केदारनाथ मंदिर परिसर से भगवान शिव से जुड़े वीडियो बनाते थे। इनके वीडियो लोग बहुत पसंद करते थे। हीरेमठ की आवाज सुनकर लोग अभिभूत हो जाते थे।