Monitor Lizard Smuggling in Uttarakhand: उत्तराखंड में वन विभाग की टीम ने बुधवार को गोह के अंगों के साथ एक वन्य जीव तस्कर को गिरफ्तार किया। तस्कर के कब्जे से 285 नग हत्था जोड़ी (मॉनिटर लिजर्ड के अंग) बरामद हुए। विशालकाय छिपकली के इन अंगों का इस्तेमाल तंत्र-मंत्र, जादू-टोने और टोटके में होता है।
अमूमन दीपावली से पहले इनकी डिमांड बढ़ जाती है। नई दिल्ली की वाइल्ड लाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो की गुप्त सूचना के आधार पर हरिद्वार वन प्रभाग की टीम ने कई जगहों पर छापेमारी करने के बाद हर की पैड़ी क्षेत्र के विष्णुघाट के पास से एक तस्कर को गिरफ्तार कर लिया। बताया जा रहा है कि वह कई अंतर्राज्यीय वन्य जीव तस्करों से जुड़ा है। हरिद्वार से इन अंगों की तस्करी दूसरे राज्यों में होनी थी।
वाइल्ड लाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो की सूचना पर उप प्रभागीय वनाधिकारी संदीपा शर्मा के नेतृत्व में एक टीम ने जनपद में अलग-अलग क्षेत्रों में छापेमारी करते हुए संदिग्ध व्यक्तियों से पूछताछ व तलाशी के लिए अभियान चलाया। उसी दौरान आफताब निवासी जिला रामपुर तहसील व थाना मिल्क मोहल्ला नसीराबाद उत्तर प्रदेश हाल निवासी विष्णु घाट की तलाशी लेने पर उसके पास से 285 नग हत्था जोड़ी बरामद हुए।
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हरिद्वार रेंज के रेंज अधिकारी शैलेंद्र नेगी ने बताया कि आरोपी के बारे में जानकारी जुटाने पर पता चला कि वह कई राज्यों के वन्यजीव तस्करों के साथ मिला हुआ है। मॉनिटर लिजर्ड भारतीय वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 की अनुसूची-1 में दर्ज है। प्रकरण की गम्भीरता को देखते हुए गहन जांच और सर्च अभियान चलाया जा रहा है। आरोपी को वन्यजीव संरक्षण अधिनियम में केस दर्ज कर जेल भेज दिया गया है।
वन विभाग की अपील
हरिद्वार वन प्रभाग के प्रभागीय वनाधिकारी ने लोगों से अपील की है कि वन्यजीवों एवं वन्यजीवों के अंगों की तस्करी वन अपराध की श्रेणी में आता है। कुछ व्यक्तियों द्वारा लोगों को गुमराह कर वन्य जीव के अंगों का पूजा-पाठ आदि में उपयोग किए जाने की सलाह दी जाती है, जोकि भारतीय वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के अन्तर्गत दंडनीय अपराध है। अगर कोई व्यक्ति उक्त अवैध गतिविधि में संलिप्त पाया जाता है तो उसकी सूचना वन विभाग या निकट वन चौकी को दें।
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