Mahayogi Pilot Baba Passes Away: जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर महायोगी पायलट बाबा का मंगलवार को मुंबई के कोकिलाबेन हॉस्पिटल में निधन हो गया था। बाबा का पार्थिव शरीर बुधवार को उनके हरिद्वार स्थित आश्रम लाया गया। इस दौरान बड़ी संख्या में साधु-संत और अखाड़े से जुड़े पदाधिकारी आश्रम पहुंचे और पायलट बाबा को श्रद्धांजलि दी।
जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष हरि गिरि महाराज ने कहा कि महायोगी पायलट बाबा को खोना अखाड़े ही नहीं, बल्कि संपूर्ण विश्व के लिए बहुत बड़ी छति है। उनके अनुयायी देश से लेकर विदेशों तक थे। जिस तरह से उन्होंने सनातन का परचम देश और विदेश में फहराया था, यह अपने आप में एक अविश्वणीय कार्य था। उन्होंने कहा कि उनका मानना है कि वह भगवान शिव का ही एक अंश थे, क्योंकि इस पृथ्वी पर आकर किस तरह से योग किया जाता है, सिखा कर गए हैं।
हरि गिरि महाराज ने कहा, मैं हमारे गुरु दत्तात्रेय भगवान और सभी देवताओं से यही प्रार्थना करूंगा कि वह अपने चरणों में उन्हें स्थान दें। महादेव उन्हें फिर एक बार आदेश करके इस पृथ्वी पर सनातन का परचम लहराने और लोगों को आध्यात्मिक की राह पर ले जाने के लिए भेजें। उन्होंने बताया कि अभी फिलहाल उनके शिष्यों और जून अखाड़े के महामंडलेश्वर से वार्तालाप चल रही है। जो अब तक निर्णय लिया गया है, उसके अनुसार उनको उन्हीं के आश्रम में समाधि दी जाएगी।
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आह्वान अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर अरुण गिरी महाराज ने बताया कि जिस तरह से बाल योगी पायलट बाबा ने अपनी सेवा देकर देश की सेवा की और उसके बाद जब उन्होंने संन्यास लिया तो अपने आप में उन्होंने यह प्रण लिया था कि वह सनातन का परचम पूरे विश्व में फिर फहराएंगे। यही कारण था कि आज देश-विदेश सभी जगह पर उनके शिष्य हैं, जोकि इस खबर को सुनकर काफी निराशा हैं। उन्होंने बताया कि जब वह उनके साथ रहा करते थे तो वह एक ही मंत्र दिया करते थे। यज्ञ ही जीवन है, जीवन ही यज्ञ है, सांसे हो रही हैं कम, आओ पेड़ लगाए हम। उन्हीं के पद चिह्नों पर चलने का प्रयास किया जाएगा।
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