Shakuni Mama: जिस किसी ने महाभारत पढ़ा व देखा होगा वह शकुनि मामा के पात्र से बिल्कुल परिचित होगा। महाभारत (Mahabharat) में शकुनि ऐसा पात्र है, जिसको महाभारत के महायुद्ध का विलेन और जिम्मेदार माना जाता है. ये शकुनि मामा के नाम से प्रसिद्ध हुए। शकुनि महाभारत के प्रमुख पात्रों में से एक था। शकुनि गांधार साम्राज्य का राजा था। यह स्थान वर्तमान समय में अफगानिस्तान में है। शकुनि गांधारी का भाई था। दुर्योधन की कुटिल नीतियों के पीछे शकुनि का ही हाथ था। अगर यह कहा जाए कि शकुनि कुरुक्षेत्र के युद्ध के लिए दोषियों में प्रमुख था तो गलत नहीं होगा।
शकुनि मामा ने कई बार पांडवों के साथ छल किया और अपने भांजे दुर्योधन को पांडवों के प्रति उकसाता रहता था। कौरव और पांडवों में जब जुआ खेला जा रहा था, उस समय कौरवों की ओर से शकुनि ने ही पांसे फेंके थे। महाभारत युद्ध में इन्होंने कौरवों की ओर से लड़ाई लड़ी, लेकिन शकुनि जानता था कि इस युद्ध में कौरवों की हार होगी, बावजूद इसके उसने अपना बदला लेने के लिए अपनी बहन के खानदान का सर्वनाश करवा दिया।
शकुनि ने भारत के हस्तिनापुर (Hastinapur) में अधिकतर समय बिताया लेकिन उसका अफगानिस्तान (Afganistan) से क्या नाता था? आइए जानते हैं…
शकुनि गांधार (आज का कंधार) साम्राज्य का राजा था। कंधार अफगानिस्तान में है। महाभारत के समय में गंधार एक शक्तिशाली साम्राज्य था। आज के दौर में अफगानिस्तान का कंधार तालिबान का गढ़ माना जाता है। इस समय कंधार में तालिबानी हुकूमत चलती है।
तालिबान के संस्थापक मौलाना मुल्ला उमर का जन्म भी कंधार में हुआ था, जो कंधार प्लेन हाईजैक (Kandahar Plane Hijack) में शामिल था। 90 के दशक में कंधार जिन दो घटनाओं के लिए जाना गया। उनमें से एक था तालिबान का उदय और दूसरा था भारतीय विमान का अपहरण करके उसे कंधार ले जाना।
वेदव्यास जी ने अपने महाकाव्य महाभारत में बताया कि करीब 5500 साल पहले राजा सुबल गांधार पर राज करते थे। उनकी पुत्री का नाम गांधारी था। गांधारी का विवाह हस्तिनापुर के राजकुमरा धृतराष्ट्र के साथ हुआ था। गांधारी का एक भाई था जिसका नाम था शकुनि। पिता की मृत्यु के बाद गांधार का सारा राजपाट शकुनि के हाथ में आ गया। शकुनि नहीं चाहता था कि उसकी बहन गांधारी का विवाह अंधे धृतराष्ट्र से हो। भीष्म के दबाव में गांधारी को धृतराष्ट्र से विवाह करना पड़ा।
वहीं दूसरी वजह थी कि धृतराष्ट्र इस बात से अज्ञान थे कि गांधारी एक बकरे की विधवा हैं। जब यह बात खुली तो धृतराष्ट्र अपने ससुर सुबाला और शकुनि समेत उनके 100 पुत्रों को जेल में बंद कर दिया।उनके साथ बहुत बुरा बर्ताव किया गया। राजा के सभी पुत्र मारे गए, उन्होंने धृतराष्ट्र से विनती की तो शकुनि को छोड़ दिया गया। सुबाल ने धृतराष्ट्र से वादा किया था कि शकुनि हमेशा कौरवों के साथ रहेगा, लेकिन शकुनि कभी इस अपमान को नहीं भूला और उसने अपने अपमान का बदला लेने के लिए महाभारत युद्ध का षड़यंत्र रचा।