Lok Sabha Election 2024: देश में 18वीं लोकसभा के लिए वोटिंग हो रही है। अब तक पांच चरणों का मतदान हो चुका है। चुनाव आयोग द्वारा जारी किए गए आकंड़ों के अनुसार, इस साल लोकसभा चुनाव में कुल 8,360 उम्मीदवार मैदान में हैं। साल 1996 के बाद से ये आंकड़ा सबसे ज्यादा है, क्योंकि साल 1996 के चुनाव के बाद पहली बार ऐसा हुआ है, जब किसी लोकसभा चुनाव में उम्मीदवारों की संख्या इतनी ज्यादा हुई है।
साल 1996 में 13 हजार से अधिक प्रत्याशियों ने लड़ा चुनाव
चुनाव आयोग द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, साल 1996 में लोकसभा की 543 सीटों पर रिकॉर्ड 13,952 प्रत्याशी मैदान में थे। हालांकि, इस चुनाव में एक चौंकाने वाली बात भी सामने आई है। हर राजनीतिक पार्टी महिला सशक्तिकरण की बात करती है, लेकिन सच्चाई चुनाव में दिखाई नहीं देते हैं। आंकड़ों पर नजर डालें तो महिला उम्मीदवारों की संख्या दस फीसदी से भी कम नजर आती है।
8337 उम्मीदवारों में महज 797 महिलाएं
Association for Democratic Reforms (ADR) के मुताबिक, साल 2024 के लोकसभा चुनाव में 8337 उम्मीदवारों में से केवल 797 ही महिलाएं हैं। इसका मतलब महिलाओं की संख्या सिर्फ 9.5 फीसदी ही है। हाल ही में संसद में महिला आरक्षण विधेयक पारित किया गया था लेकिन वो बिल अगले लोकसभा चुनाव में लागू होगा।
अगर अभी तक के चुनाव पर नजर डालें तो पहले चरण में 1,618 उम्मीदवारों में से 135 महिलाएं थीं। दूसरे में 100, तीसरे में 123, चौथे में 170, पांचवें चरण में 85 महिलाएं उम्मीदवार थीं। ऐसी ही संख्या छठे चरण में भी देखने को मिल रही है। छठे चरण में 92 और सातवें चरण में 95 महिलाएं अपनी किस्मत आजमा रही हैं।
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अगर उम्मीदवारों के आपराधिक मामले पर नजर डालें तो Association for Democratic Reforms (ADR) के मुताबिक, 9337 उम्मीदवारों में से 1644 के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं।
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