Kedarnath Dham 2024 : विश्व प्रसिद्ध भगवान शिव के 11वें ज्योतिर्लिंग केदारनाथ के दर्शनों के लिए देश के कोने-कोने से हर रोज हजारों की संख्या में तीर्थयात्री पहुंच रहे हैं। सबसे अधिक यात्री पैदल यात्रा करके बाबा केदार के दर्शनों के लिए आ रहे हैं। केदारनाथ धाम अत्यधिक ऊंचाई पर स्थित है और यह हिमालयी क्षेत्र है। यहां का मौसम पल-पल बदलता रहता है। वहीं, ऑक्सीजन कम होने के कारण यहां कुछ तीर्थयात्रियों को स्वास्थ्य संबंधी परेशानी भी होने लगती है। ऐसे में इन तीर्थयात्रियों का अस्पताल और स्वास्थ्य केंद्रों में उपचार दिया जा रहा है।
केदारनाथ ज्योतिर्लिंग लगभग 11,700 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। यह एक हिमालयी क्षेत्र है। कभी धूप तो कभी बारिश और कभी भी यहां बर्फबारी हो जाती है। उत्तराखंड के चारों धामों में सबसे कठिन यात्रा केदारनाथ धाम की है। धाम पहुंचने के लिए लगभग 18 किमी की पैदल यात्रा करनी पड़ती है। थोड़ी बहुत यहां ऑक्सीजन की भी कमी है। देश के कोने-कोने से बाबा केदार के दर्शनों के लिए इन दिनों भारी संख्या में तीर्थ यात्री पहुंच रहे हैं। यहां के मौसम के बारे में जानकारी न होने के कारण कई यात्री ठंड में भीगने के कारण बीमार हो जाते हैं या ऑक्सीजन कम होने के कारण यात्रियों को सांस लेने में दिक्कतें हो जाती है।
केदारनाथ धाम में अत्यधिक बीमार होने वाले यात्रियों के लिए प्रशासन, एसडीआरएफ, पुलिस, जिला यात्रा मैनेजमेंट फोर्स, डीडीआरएफ, पीआरडी और होमगार्ड के जवान देवदूत का कार्य कर रहे हैं। केदारनाथ समेत पैदल मार्ग के प्रत्येक पड़ाव पर चिकित्सालय के साथ ही डॉक्टर और अन्य पैरामेडिकल स्टाफ को तैनात किया गया है। सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर ऑक्सीजन समेत आवश्यक दवाइयां भी रखी गई हैं। घोड़े-खच्चर से गिरने और धक्के लगने के कारण भी कई बार यात्री चोटिल हो जाते हैं। ऐसे यात्रियों को भी त्वरित गति से राहत दी जा रही है और चिकित्सालय भेजा जा रहा है।