Nameplate Controversy : कांवड़ यात्रा रूट पर दुकानों पर नेमप्लेट न लगाने के आदेश को सुप्रीम कोर्ट ने जारी रखा है। इस मामले में शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। यूपी सरकार की तरफ से पेश वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि यूपी सरकार ने अपना जवाब दाखिल कर दिया है। कोर्ट के फैसले के बाद यूपी सरकार की तरफ से पेश वकील ने कहा कि फैसला एक तरफा दिया गया है, जिससे हम बिल्कुल भी सहमत नहीं हैं। इस मामले की सुनवाई जस्टिस ऋषिकेश रॉय और जस्टिस SVN भट्टी ने की थी। कुछ दिनों पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने नेमप्लेट मामले पर रोक लगा दी थी। रोक का आदेश अगली सुनवाई की तारीख 5 अगस्त तक जारी रहेगा।
राज्यों ने कोर्ट में क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट में उत्तराखंड सरकार की ओर से कहा गया कि जवाब दाखिल करने के लिए उसे दो हफ्ते का समय चाहिए। वहीं, मध्य प्रदेश सरकार की ओर से कहा गया कि उनके प्रदेश में ऐसा नहीं हुआ। सिर्फ उज्जैन म्युनिसिपल ने आदेश जारी किया था, लेकिन कोई दबाव नहीं डाला गया है। यूपी की ओर से वकील रोहतगी ने कहा कि सोमवार को इस मामले में सुनवाई कर ली जाए वरना इसका कोई मतलब नहीं रह जाएगा।
राज्यसभा में MSP को लेकर जोरदार हंगामा, शिवराज सिंह ने दिया जवाब
कोर्ट ने एकतरफा आदेश दिया- वकील रोहतगी
यूपी सरकार के वकील रोहतगी ने कहा कि कोर्ट ने एकतरफा आदेश दिया है, जिससे हम सहमत नहीं हैं। उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा कि हमें शिव भक्त कांवड़ियों के भोजन की पसंद का भी सम्मान करना चाहिए। वहीं, याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि जवाब में यूपी सरकार ने स्वीकार किया है कि कम समय के लिए ही सही हमने भेदभाव किया है।
सुनवाई की अंतिम तारीख पर न्यायालय ने निर्देशों के खिलाफ दायर तीन याचिकाओं पर यूपी, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश और दिल्ली को नोटिस जारी किया। इसमें विवादित निर्देशों पर भी रोक लगाते हुए कहा कि दुकानों और भोजनालयों को कांवड़ियों को बेचे जाने वाले खाद्य पदार्थों को प्रदर्शित करने की आवश्यकता हो सकती है।
सीएम बदलने की चर्चा गलत, यूपी बीजेपी अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी का बड़ा बयान
टाली गई सुनवाई
दुकानों के आगे नेमप्लेट मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टल गई है। अंतरिम रोक का आदेश बरकरार रखा गया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमारा आदेश साफ है। अगर कोई अपनी मर्जी से दुकान के बाहर अपना नाम लिखना चाहता है तो हमने उसे रोका नहीं है। हमारा आदेश था कि नाम लिखने के लिए मज़बूर नहीं किया जा सकता।