Dead Snakes Found in Tank : केंद्र की मोदी सरकार ने जल जीवन मिशन तक तहत देश के हर घर में नल से जल पहुंचाने का लक्ष्य रखा है, लेकिन कैसा हो अगर इसी नल से जहरीला पानी आपको घर तक पहुंच जाए। उत्तरकाशी के सिरी गांव में ग्रामीणों के साथ ऐसा ही हुआ। पानी के जिस टैंक से इन ग्रामीणों के घर तक पीने का पानी पहुंचाया जाता है, उस टैंक में 4 मरे हुए जहरीले सांप मिले हैं। गांव वाले पिछले तीन महीने से इसी जहरीले और दूषित पानी को पी रहे थे। ग्रामीणों का कहना है कि जहरीले पानी से गांव के कई लोग बीमार हो चुके हैं, जबकि एक मवेशी की तो मौत ही हो गई।
प्रशासन की लापरवाही की वजह से ग्रामीण दूषित और जहरीला पानी पीने को मजबूर हैं। सिरी गांव के लोग दूषित पानी पीने से बीमार हो रहे थे, लेकिन ग्रामीण ये नहीं समझ पा रहे थे कि ऐसा क्यों हो रहा है। पानी के टैंक से बदबू आने पर ग्रामीणों को कुछ आशंका हुई। जब ग्रामीणों ने पानी के टैंक को खोलकर देखा तो उनके होश ही उड़ गए। जिस पानी से वो अपनी प्यास बुझा रहे थे, उस पानी में एक दो नहीं पूरे चार जहरीले सांप मरे हुए पड़े थे। इसके बाद ग्रामीणों ने टैंक से मरे हुए जहरीले सांपों को बाहर निकाला।
जल जीवन मिशन की हकीकत दिखाने के लिए श्रेष्ठ उत्तराखंड की टीम भी मौके पर पहुंची। संवाददाता दीपक नौटियाल ने इस दूषित पानी के टैंक का जायजा लिया और ग्रामीणों से उनकी पेयजल समस्या पर बातचीत भी की। ग्रामीणों का आरोप है कि सरकार जनजीवन मिशन के तहत गांव में पेयजल योजना तो चला रही है, लेकिन ठेकेदारों की लापरवाही की वजह से गांव में योजना का बुरा हाल है। ठेकेदार ने सुरक्षा के लिए टैंक में फिल्टर नहीं लगाया है, जिसकी वजह से पानी के टैंक में लगातार सांप और अन्य कीड़े-मकोड़े जा रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि जल निगम के अधिकारी और कर्मचारी भी पानी के टैंक की सुध नहीं ले रहे हैं, जिसकी वजह से उन्हें आज दूषित और बीमार करने वाला पानी पीना पड़ रहा है।
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सरकार ने जल जीवन मिशन के तहत ग्रामीणों के घर नल से जल तो पहुंचा दिया, लेकिन जल विभाग और ठेकेदारों की लापरवाही से ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल नहीं मिल पाया। जल निगम ने ना टैंक की साफ-सफाई पर ध्यान दिया और ना ही टैंक में फिल्टर लगाया गया। इसका खामियाजा अब गांव वालों को उठाना पड़ रहा है।
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