Jajmau Arson Case : सपा विधायक इरफान सोलंकी को कोर्ट ने कानपुर के जाजमऊ आगजनी केस में सात साल की सजा सुनाई गई है। सपा विधायक के साथ ही उनके भाई रिजवान सोलंकी, साथी शौकत अली, मो. शरीफ और इसराइल आटे वाला को भी इस केस में दोषी पाया गया था। इनको भी सात साल की सजा हुई है। साथ ही 20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। बता दें, कानपुर की एमपी एमएलए कोर्ट ने सोलंकी को इस मुकदमे में दोषी करार दिया था। इस मामले में इरफान सोलंकी की विधायकी भी जा सकती है।
जानें पूरा मामला
दरअसल, कानपुर के जाजमऊ की डिफेंस कॉलोनी में स्थित एक प्लॉट में रहने वाली नजीर फातिमा के घर में सात नवंबर 2022 को आग लग गई थी, जिसका आरोप नजीर ने सपा विधायक इरफान सोलंकी, उनके भाई रिजवान सोलंकी के साथ ही उनके साथियों पर लगाया था। इसके बाद मामला कानपुर की एमपी एमएलए कोर्ट पहुंचा, जहां इरफान, रिजवान, मो. शरीफ, शौकत अली और इजराइल आटे वाला को आगजनी, नुकसान पहुंचाने, मारपीट और जान से मारने की धमकी देने के आरोप में दोषी करार देते हुए सात जून यानी आज फैसले की तारीख तय की थी।
वहीं, आज सजा की सुनवाई के दौरान सपा विधायक इरफान सोलंकी को महाराजगंज जेल से नहीं लाया गया, जबकि अन्य चारों आरोपी कोर्ट में ही मौजूद रहे। सजा पर सुनवाई के दौरान अभियोजन की ओर से डीजीसी दिलीप अवस्थी, एडीजीसी भास्कर मिश्रा और पीड़ित नजीर की अधिवक्ता प्राची श्रीवास्तव ने तर्क रखा कि दोषी इरफान सोलंकी लोक सेवक हैं, उनकी जिम्मेदारी औरों से ज्यादा थी। इसलिए उनको अधिकतम सजा सुनाई जाए और अधिकतम जुर्माना लगाया जाए।