इजरायल और ईरान के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। इजरायल के ईरान पर जवाबी हमले के बाद अब ये लड़ाई और भी ज्यादा बढ़ गई है। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या अब दोनों देशों के बीच हवाई युद्ध हो सकता है? अगर ऐसा होता है तो ईरान और इजरायल में से किसके पास हथियारों का बड़ा जखीरा है और हवाई युद्ध में कौन किस पर भारी पड़ेगा?
ईरान और इजरायल के बीच कभी भी हो सकता है हवाई युद्ध
दरअसल, ईरान और इजरायल के बीच लंबे समय से तनाव चल रहा है। दोनों देश एक-दूसरे पर मिसाइल और रॉकेट से हमले कर रहे हैं। आज दोनों ही देशों की स्थिति देखकर लग रहा है कि इनके बीच कभी भी हवाई युद्ध हो सकता है।
ईरान के पास उच्च तकनीक वाले सैन्य उपकरणों की कमी
इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर स्ट्रैटजिक स्टडीज इन लंदन यानी IISS की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि ईरान की मुश्किल ये है कि दशकों के अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों ने सेना को नई उच्च तकनीक वाले सैन्य उपकरणों से काफी हद तक दूर कर दिया है। उनके पास 37,000 जवान और कुछ ही काम करने वाले स्ट्राइक विमान हैं, जिनमें 1979 में ईरानी क्रांति से पहले हासिल किए गए रूसी जेट और पुराने अमेरिकी मॉडल शामिल हैं। आईआईएसएस के मुताबिक, तेहरान के पास नौ एफ-4 और एफ-5 लड़ाकू विमानों का एक स्क्वाड्रन, रूसी निर्मित सुखोई-24 जेट का एक स्क्वाड्रन और कुछ मिग-29, एफ7 और एफ14 विमान हैं।
ईरान के पास हजारों की संख्या में हैं ड्रोन शस्त्रागार
जानकारों के मुताबिक,ईरान के पास ड्रोन शस्त्रागार की संख्या हजारों में है। कुछ मिसाइलें ऐसी हैं, जो कि सतह से सतह पर मार कर सकती हैं, जबकि इनमें ऐसी मिसाइलें कम ही हैं, जो इजरायल पहुंच सके। कहा जा रहा है कि ईरान ने सुखोई-24 जेट को इजरायली हमले का मुकाबला करने के लिए तैयार कर रखा है, लेकिन 1960 के दशक में बने सुखोई-24 जेट विमानों पर ईरान की निर्भरता उसकी वायु सेना की सापेक्ष कमजोरी को दर्शाती है।
अमेरिका से इजरायल को मिल रही मदद
वहीं, अगर इजरायल की ताकत की बात करें तो इजरायली एयरफोर्स के पास सैकड़ों F-15, F-16 और F-35 मल्टीपर्पस जेट लड़ाकू विमान हैं। इन्हें अमेरिका से बड़ी मदद मिली है, जिसके बल पर उसने ईरान की ओर से दागी गए 350 ईरानी ड्रोन, क्रूज मिसाइलों और बैलिस्टिक मिसाइलों को मार गिराया, लेकिन इजरायल के पास लंबी दूरी के बॉम्बर्स की कमी है। इजरायल के पास ड्रोन टेक्नोलॉजी में अग्रणी हेरॉन पायलट रहित विमान है, जोकि 30 घंटे से ज्यादा उड़ान भर सकता है।